अंगूर खट्टे हैं लोमड़ी और अंगूर की कहानी हिंदी में | Grapes are sour story in hindi

angoor khatte hain Hindi story. This is a very famous story (angoor khatte hain ). Everyone uses this story (angoor khatte hain) in their daily conversation. The angoor khatte hain The story is heard by everyone.

अंगूर खट्टे हैं हिंदी कहानी यह बहुत ही प्रसिद्ध कहानी है। यह कहानी हर कोई अपनी दैनिक बोलचाल में उपयोग करते है। अंगूर खट्टे हैं कहानी हर किसी ने सुना है।

angoor khatte hain hindi kahani

angoor khatte hain hindi kahani
angoor khatte hain hindi kahani

angoor khatte hain किसी जंगल में एक लोमड़ी रहा करती थी । एक बार कि बात है, उसे बहुत जोर की भूख लगी हुई थी परंतु बहुत ढूढने पर भी उसे कुछ खाने को नहीं मिल रहा था ।

काफी समय तक इधर-उधर भटकने पर उसे एक अंगूर का बाग दिखाई पड़ा । यह देखकर वह लोमड़ी काफी खुश हो गई।

भूख से व्याकुल लोमड़ी अंगूर के बाग में दौड़ते हुए पहुंची। दूर से अंगूर गुच्छों को लटकते देख उसकी भूख ओर बढ़ गई । वह जैसे ही अंगूर खाने के लिए अंगूर के बाग तक पहुंची तो उसे पता चला कि वे अंगूर तो अत्यधिक ऊचाई पर है ।

उसने काफी बार छलांग लगाई। पर वह अंगूर को पा ना सकी। काफी देर प्रयास करने के बाद भी उसे सफलता न मिली और वह धडाम से गिर गई ।

गिरने की वजह से उसे बहुत शर्मिन्दगी महसूस हुई और वहां से जाने लगी तभी वहां बैठा एक सियार जो लोमड़ी को उछलता देख रहा था । उसने मुस्कुराते हुए पूछा -” बुआ ! क्या बात है, आप बिना अंगूर खाएं ही चली जाएगी ?”

इस पर उस लोमड़ी ने  जोर से कहा -“अंगूर तो खट्टे हैं अगर मैं इसे खाऊंगी तो बीमार पड़ जाऊँगी।”

इस तरह लोमड़ी ने अपनी असमर्थता छुपाने के लिए कहा किअंगूर खट्टे हैं । समय के साथ यह  कहावत प्रचलित हो गई  और लोग इसका प्रयोग समान्य बोलचाल की भाषा में करने लगे। angoor khatte hain watch on youtube

यह कहानी भी पढ़े: elephant and ant story in hindi

यह भी पढ़ें हिंदी कहानी

कामयाबी Hindi kahaniya new

एक गुरु अपने शिष्य के अत्याधिक विकास के से बहुत ही खुश थे। उन्हें लगा कि अब शिष्य  का मार्गदर्शन करने की कोई जरूरत नहीं है, इसलिए उस शिष्य को एक नदी किनारे बनी अपनी छोटी- सी कुटिया में छोड़कर निकल पड़े।

रोजाना सुबह स्नान के बाद शिष्य शेर की खाल से बने अपने कपड़े को सुखाने के लिए टांग दिया देता था।  यही एकमात्र वस्तु थी जो उसके पास थी।

एक दिन चूहों ने उस शेर की खाल को कुतर डाला। यह देखकर शिष्य बहुत ही उदास हो गया।वस्त्र ना होने के कारण वह दूसरे वस्त्र मांगने गांव वालों के पास पहुंचा।

अगले ही दिन चूहों ने दूसरे वस्तु में भी छेद कर डाला। चूहे से परेशान होकर उसने एक भी बिल्ली पाल लिया। अब उसे समस्या चूहों से तो नहीं थी, लेकिन बिल्ली उसके लिए परेशानी का सबब बन गई।

उसे अपने खाने के साथ-साथ बिल्ली के लिए दूध का इंतजाम करना पड़ता था। पूरा पढ़े

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here