Pilot कैसे बनें? पायलट बनने का पूरा तरीका हिंदी में

आकाश में उड़ान भरने की चाह तो हर कोई रखता है। लेकिन कहते है ना बड़ी सफलता पाने के लिए बड़ा प्रयास करना भी जरूरी होता है।

इस प्रोफेशन के लोगो की सैलरी काफी अच्छी होती है। इस क्षेत्र के लोगो को दुनिया के हर हिस्से में घूमने का मौका दिया जाता है।

नीले आकाश में उड़ान भरने का ख्वाब अपने आप में सुख देने वाला अनुभव है। इन सब कारणो के कारण ही पायलट के प्रोफेशन को सबसे अच्छा प्रोफेशन माना जाता है।

आमतौर पर छात्रों प्रश्न पूछते है कि पायलट कैसे बन सकते है? पायलट बनने के लिए क्या करना होता है? वही प्रोफेशन में आने के लिए पढ़ाई के संबध में भी प्रश्न पूछे जाते है

जैसे कि पायलट बनने के लिए कौन सी डिग्री चाहिए? इसके अलावा अंतिम प्रश्न जो छात्र अक्सर पूछते है कि इसकी पढ़ाई के दौरान कितना खर्च करना पड़ता है।

पायलट बनने का पूरा तरीका हिंदी में
पायलट बनने का पूरा तरीका हिंदी में

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पायलट बनने के लिए शैक्षिक योग्यता

1.प्रतियोगी छात्र का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।

2.वही शैक्षिक योग्यता के रूप में छात्र का इंटरमीडिएट में साइंस से PCM विषयो से कम से कम 50% अंकों के साथ पास होना अनिवार्य है।

3.कमर्शियल पायलट की उम्र 18 से 32 वर्ष की होनी चाहिए।

4.फोर्स के पायलट की बात करें तो इसके लिए आयु सीमा 16.5-19 वर्ष या 20-24 वर्ष के आस पास होनी चाहिए।

5.पायलट की चाह रखने वालो को यह भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि उसकी आंखे पूरी तरह ठीक हो यानी की उसकी ऑय विज़न 6/6 होना बेहद आवश्यक है।

6.पायलट के प्रोफेशन में उसका Fluent English में बोलना जरूरी होता है।

7.पायलट की लंबाई भी बेहद महत्व रखती है। पायलट के लिए उसकी हाइट कम से कम 5 फीट होना अनिवार्य माना गया है।

जैसा की आपको ऊपर बताया जा चुका है कि युवा दो प्रकार से पायलट बन सकते है।

यदि हम मिलिट्री के अंर्तगत आने वाले Air Force Pilot आते है वही दूसरी ओर (Commercial Pilot) आगे चलकर इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस कंपनी में पायलट बनकर उड़ान भरते है।

पायलट के प्रकार

पायलट के क्षेत्र में जाने के लिए आपको खूब पढ़ाई करनी पड़ती है, तभी आपका करियर बन पाता है। पायलट बनने के लिए प्रतियोगी छात्र को इससे सम्बन्धित Eligibility Criteria के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिये यह compulsory होता है।

तभी आप अपने सपनों की उड़ान भर पाते हैं। पायलट कई प्रकार के होते हैं जिन्हें मुख्य रूप से दो कैटेगरी में रखा गया है।

1.Air Force pilot (वायु सेना पायलट)

2.Commercial Pilot (व्यावसायिक वायुयान चालक)

हालांकि दोनों की योग्यता में कोई विशेष अंतर नहीं होता है

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Air Force pilot बनने का तरीका

पायलट के क्षेत्र में कदम रखने वाले छात्रों को चाहिए कि दसवीं के बाद अपने लक्ष्य के प्रति अलर्ट रहे।

ऐसे प्रतियोगी छात्र का साइंस स्ट्रीम से भौतिकी ,रसायन विज्ञान और गणित विषयों के साथ इंटरमीडिएट करना जरूरी होता है।

पायलट बनने की चाह रखने के लिए उनकी इंग्लिश पर खास पकड़ उनकी राह को आसान करने में काफी सहायक होती है।

ऐसे छात्रों को अपनी spoken English पर मुख्य तौर पर ध्यान देने की जरूरत होती है ।

पायलट बनने वाले छात्रों को बारहवीं की परीक्षा के साथ ही साथ प्रवेश परीक्षा की भी तैयारी करते रहना चाहिए।

एयरफोर्स पायलट बनने के लिए प्रतियोगी छात्र ज्यादातर NDA(National Defence Academy) join करते हैं जोकि उनके लिए काफी सहायक होती है ।

कमर्शियल पायलट बनने बनने का तरीका

यदि आप कमर्शियल पायलट बनने की सोच रहे तो इसके लिए आपको Flying School में पहले एडमिशन ले सकते है ।

एडमिशन की प्रवेश परीक्षा और मेडिकल फिटनेस के जरिए कराई जाती है। इसे क्लियर करने के लिए प्रतियोगी छात्र का शैक्षिक योग्यता के साथ ही साथ बॉडी फिटनेस का मुख्य रूप से ध्यान रखना होता है।

 जो छात्र बारहवी के बाद पायलट बनने के सपने को साकार करना चाहते है उन्हे कदम कदम पर सही मार्गदर्शन मिलना बेहद आवश्यक होता है।

बारहवी के पास करने के बाद कुछ जरूरी योग्यता मापदंड को पूरा करना होता है।

वही बारहवीं कक्षा से ही पायलट की तैयारी करना आपके लिए काफी सहायक होता है।

क्या पायलट बनने के लिए प्रवेश परीक्षा जरूरी है?

बारहवी को पास करने वाले प्रतियोगी युवा को चाहिए की वह जल्द से जल्द पायलट कोर्स में दाखिला लेने का डिसीजन ले।

वही उसे इस कोर्स से संबधी जानकारी भी होनी चाहिए जैसे की पायलट का कोर्स कितने वर्ष का है।

इसके बाद उसे अंतिम जानकारी के रूप में पता होनी चाहिए की उसका एडमिशन प्रवेश परीक्षा के बगैर संभव नहीं है। आसान शब्दों में पायलट बनने के लिए प्रवेश परीक्षा जरूरी है।

इसलिए उसे जमकर तैयारी करनी चाहिए ताकि वह जल्द से जल्द सफल हो सके।

पायलट बनने के लिए आपको मुख्य तौर पर तीन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

1.पहले चरण में प्रतियोगी को इंट्रेंस परीक्षा को क्लियर करना होता है तभी आपको मेडिकल टेस्ट एलिजिबल माना जाएगा।

2.द्वितीय चरण में आपको मेडिकल टेस्ट (क्लास 1 और 2) को क्लियर करना होता है।

3) तृतीय चरण यानी की अंतिम चरण में प्रतियोगी को Interview क्लियर करना होता है।

4.पायलट बनने के लिए कहा और कैसे एडमिशन मिलता है?

वैसे अधिकांश छात्र पायलट बनने की चाह रखते है यदि आप भी इस प्रोफेशन में आना चाहते है तो आपको सबसे पहले फ्लाइंग स्कूल से कमर्शियल पायलट का कोर्स करना पड़ता है।

यह कोर्स 18-24 महीने का होता है।आपके एंट्रेंस एग्जाम को क्लियर करने के बाद कमर्शियल पायलट बनने के मात्र दो तरीके है।

जिनमे पहले तरीके के अनुसार Flying School में एडमिशन लेना होता है।

वही दूसरे तरीके में Cadet Pilot Programme से पायलट बनना शामिल होता है।

पायलट बनने वाले प्रतियोगी को लाइसेंस कब मिलता है?

लाइसेंस के लिए अप्लाई करने के लिए स्टूडेंट को सबसे पहले ( Directorate General Of Civil Aviation) अप्रूव्ड फ्लाइंग स्कूल में दाखिला लेने के बाद सबसे पहले यंग पायलट को SPL (Student Pilot License) प्रदान किया जाता है।

इसकी मान्यता भारत सरकार के अंतर्गत होती है। इसको मिलते ही एक विद्यार्थी यानी Learner के रूप में प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग ले सकता हैं।

प्राइवेट पायलट लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया

SPL का कम से कम Criteria 60 घंटो का होता है। जैसे ही ट्रेनिंग अपनी निर्धारित समय अवधि की ट्रेनिंग पूरा कर लेता है। वैसे ही ट्रेनिंग PPL (Private Pilot License) के लिए आवेदन करने योग्य हो जाते हैं।

हालाकि SPL की अपेक्षा कुछ कठिन होता है। SPL और PPL की ट्रेनिंग पूरी करने के ट्रेनिंग को 210 घंटे की उड़ान को पूरा कर लेने की स्थिति में आप कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते है।

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