चींटी कबूतर और शिकारी की कहानी हिंदी में story of ant pigeon and hunter hindi

चींटी, कबूतर और शिकारी की कहानी (ant pigeon and hunter story in hindi) काफी ही ज्ञान की कहानी है। इस कहानी को पढ़ने के बाद हर किसी के मन में दूसरों की मदद करने की चाह जागती है। चींटी और कबूतर कहानी को हर एक व्यक्ति पसंद करता है।

हमने चींटी कबूतर और शिकारी की कहानी (ant pigeon and hunter story in hindi) लिखी है। जिसको आसान भाषा में लिखा गया है। हमने चींटी कबूतर और शिकारी की कहानी हिंदी में लिखी है।

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चींटी और कबूतर की कहानी

chiti aur kabutar ki kahani
chiti aur kabutar ki kahani

एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ के जड़ो के नीचे एक चींटी रहा करती था। उस पेड़ के ऊपर ही एक घोसला बना कर एक कबूतर भी रहा करती थी।

एक दिन की बात है। चींटी पानी पीने के लिए नदी की ओर गई। नदी में एका-एक बहाव उठा और चींटी पानी में डूबने लगी। चींटी अब डूब कर मरने वाली ही थी तभी कबूतर की नजर उस चींटी पर गई।

कबूतर ने पेड़ से एक पत्ते को तोड़ कर नदी में उस स्थान पर गिराया जहा चींटी डूब रही थी। चींटी पत्ते पर चढ़ कर अपनी जान बचा ली।

नदी के बाहर आने के बाद चींटी कबूतर को धन्यवाद कहना चाहती थी लेकिन उसे कबूतर मिलती ही नहीं थी। कुछ समय बीता।

एक दिन एक शिकारी उस पेड़ के पास आ खड़ा हुआ। पेड़ की डाल पर कबूतर बैठी थी। शिकारी ने अपने धनुष से कबूतर पर निशाना लगाने वाला ही था कि शिकारी को चींटी ने देख लिया।

चींटी के लिए यह ऐसा समय था जब अपने जान पर खेल कर कबूतर की मदद किया जाए।

चींटी जल्दी से शिकारी के पास जाकर शिकारी के पैर में काट लिया। चींटी के काटने से शिकारी का निशाना चूक गया।

तीर कबूतर को न लगकर पेड़ के एक डाली को जा लगा। कबूतर जल्दी से वहाँ से उड़ गई। इधर शिकारी के पैर में काटने के बाद चींटी अपने बिल में घुस गई।

शिकारी यह सब कुछ बस देखता रहा। कुछ दिन के बाद वह कबूतर चींटी से मिली और  चींटी को धन्यवाद कहा। इसके बाद वह एक अच्छे दोस्त बन गए।

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चींटी और कबूतर की कहानी (ant and pigeon story in hindi) से हमें सीख मिलता है कि हमें किसी की भी मदद कर देना चाहिए। हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि हमें मदद के बदले किया मिलेगा।

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