hindi story with moral for kids in hindi हिंदी कहानी

Now read the best collection of hindi story for kids with moral in hindi. reading of hindi story is good for everyone but those hindi story have a good moral. many hindi story famous and many famous hindi story written by famous hindi story writers.

जानवरों की मानवता hindi story with moral for kids

किसी राज्य में एक लड़का रहता था । वह दिन से रात तक एक व्यपारी के यहाँ काम करता था । तब जाकर उसको कुछ खाने को मिलता था ।

इस तरह उसका जीवन चलता था । एक दिन उस लडके के एक साथी ने व्यपारी के दुकान में चोरी कर गायब हो गया ।

इस बात को जाने के बाद व्यापारी बहुत क्रोधित हुआ । उसने इस लडके को राजा के पास ले गया । सब कहा सुनी के बाद उस लडके को राज्य से बाहर निकाल दिया गया ।

वह राज्य से बाहर निकल कर एक जंगल में पंहुचा । उस जंगल में उसे एक गुफा दिखाई दिया । तो वह उस गुफा के अन्दर चला गया । काफी थके होने के कारण वह उस गुफा में ही सो गया ।

जब उसकी नीद खुली तो उसने देखा की उसके बगल में एक शेर बैठ है । वह लड़का काफी डर गया । फिर उसने ध्यान दिया की वह शेर कहार रहा है क्युकी उसके पैर में एक धाराधार लकड़ी धसी हुई है ।

तो शेर की मदद करने के लिए वह लड़का आगे बढ़ा । उसने शेर के पैर में से उस धाराधार लकड़ी को बाहर निकाल दिया। और अपने कपडे को फार को उसके जख्म पर बाध दिया। ताकि खून निकलना बंद हो जाया।

इसके बाद वह लड़का दुसरे राज्य में गया। वहा वह काम करने लगा। उस राज्य पर दुसरे राज्य ने हमला कर दिया। तो उस राज्य के नजवानो को कैद कर लिया गया।

फिर उन नजवानो को एक पिजड़े में बंद कर दिया गया। और एक भूखे शेर को उनके ऊपर छोड़ दिया गया। जब वह शेर अन्दर आया तो सबसे पहले वह लड़का ही था। शेर उस लडके के करीब आया। उसे सुघा और उसके पास बैठ गया।

वह लड़का सब कुछ समझ गया। उसने उस शेर को गले लगा लिया। वह शेर वही शेर था जिसके पैर में धारधार लकड़ी चिभी थी और लडके ने उसकी मलहम पाटी की थी।

कहानी की सीख- जानवर आपको आपके कार्य से पहचानते है। और उनके अन्दर भी इंसान की तरह इंसानियत की सोच होती है।

the moral of this hindi story is Animals recognize you through your work. And inside them, there is a human thinking like a human being.

बिना जाने समझे story in hindi

कही दूर एक बहुत बड़ा पेड़ था। उस पेड़ पर बहुत से पक्षियों का घोसला था। उस पेड़ के निचले भाग में एक छेद था। उसमे एक बुढा बाझ रहता था। वह बाझ अंधा भी था।

अंधे होने के कारण वह शिकार नही कर पता था। तो उसे उस पेड़ की अन्य चिड़िया खाने को दे दिया करती थी। इस के बदले वह अंधा और बुढा बाझ उन चिडियों के बच्चो की देख-भाल किया करता था जब चिड़िया बाहर गई होती है।

एक बार की बात है। उस पेड़ के निचे एक बिलार रहने आया। वह बिलार वहा चिडियों के बच्चो को खाने आया था। तो वह बाझ के पास जाकर कहने लगा, “बाझ भाई मै बुढा हो चला हु, मुझे अब आपके साथ रहने का मन कर रहा है। क्युकी आप दुशारो की सेवा करते है। मै भी आप के साथ रह कर सेवा करना चाहता हु।”

बाझ तो अँधा था उसने उस बिलार को अपने साथ रख लिया। अभी कुछ ही दिन गुजरे थे की चिडियों के एक- एक बच्चे गायब होने लगे।

पर चिड़िया सुबह होते ही बाहर चली जाती। उनके पास वक्त न था की अपने बच्चो को देखा। तो एक समय ऐसा आया कि आधे बच्चे गायब हो गए।

इस बार चिडियों ने पेड़ के चारो और अपने बच्चो को खोजा। तो उन्हें उनके बच्चो के हडिया पेड़ के खोखले में मिली जहा बाझ रहता था।

इसके बाद सारे चिडियों ने बाझ पर हमला कर दिया। और अपने चोच और पंजो से मार मार कर बाझ को मौत के घाट उतार दिया।

इसके बाद उन्हें पता चला की यह काम उस बाझ का न था बल्कि उस बिलार का था। जो उस बाझ के साथ रहता था।

कहानी की सीख- हमें सब कुछ जाने बिना किसी को दोषी नहीं करार देना चाहिए।

the moral of this hindi story is We should not blame anyone without knowing everything.

the reading of hindi kahani is good for child as well as because child learn lesson from hindi kahani and elder reduce their strees. so keep reading hindi kahaniya.

many story also available like kahani hindi mein and a famous is angoor khatte hain hindi kahani

सबक सिखाना हिंदी स्टोरी

एक बार की बात है। एक सब्जी वाला और एक सोनार पड़ोस में रहते थे। एक बार उस सब्जी वाले को उसके गाव जाना पड़ा।

तो उसने अपना तराजू और बटखरा उस सोनार को दे दिया। उसने कहा, “जब मै वापस आउगा। तो आप मुझे यह दे देना तब तक आप इसे पाने पास रखे”।

करीब एक महीने बाद वह सब्जी वाला वापस आया। तो उसने सोनार से अपना तरजू और बटखरा मागा। तो सोनार ने उसे कहा, “भाई मै क्या करू, तुम्हारा तरजू और बटखरा चूहा खा गया।”

यह सुनकर वह सब्जी वाला भौचका रह गया। उसने कहा, “कोई बात नही।”

कुछ दिन गुजरे। एक दिन सब्जी वाला सब्जी लेने मंडी में जा रहा था। इधर सोनार के लडके को भी मंडी जाना था। तो सोनार ने सब्जी वाले को अपने बेटे को साथ ले जाने को कहा।

सब्जी वाला उसके लडके को बाजार ले गया। शाम तक वह सब्जी वाला घर वापस आ गया पर उसके साथ सोनार का लड़का न था।

यह देख कर सोनार बहुत ही परेशान हुआ। वह दौड़ते हुए सब्जी वाले के घर आया और अपने देते के बारे में पूछा।

इस पर सब्जी वाले ने कहा, “क्या करू! आप ले बेटे को एक बाझ उठा ले गया।” इस पर उस सोनार को बहुत ही क्रोध आय। उसने कहा, “एक 19 साल के लडके को बाझ कैसे उठा कर ले जा सकता है।”

इस पर सब्जी वाले ने एक छोटी से मुस्कान के साथ कहा, “जब चूहा तरजू और बटखरा खा सकता है तो बाझ 19 साल के लडके को उड़ा कर अपने साथ ने ले जा सकता है ?”

अब सोनार को सब कुछ समझ आ गया था। उसने अपने किए पर माफ़ी मागने लगा और तरजू और बटखरा लौटने के बाद अपने बेटे के बारे में पूछने लगा।

तो इस पर सब्जी वाले ने कहा, “तुम्हारा लड़का मुझसे तो पीछे छुट गया है वह जल्द ही आ जायेगे।”

ऐसा ही हुआ भी। उस सोनार का लड़का थोड़ी देर बाद वापस आ गया।

moral of this hindi story

कहानी की सिख- हमें दूसरों का सामान हड़प कर नहीं लेना चाहिए।

the moral of this hindi story is We should not grab the goods of others.

we recommend some more hindi kahani like ईश्वर के भरोसे, मनहूस कौन hindi short kahani.

at the end of hindi story

we write a lot of hindi kahani, hindi kahniya, hindi story on regular basis. so here you can read many more hindi kahaniya or hindi story for kids with moral.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here