बेस्ट 20 प्रेम कहानी हिंदी में, दिल को छूने वाली प्रेम कहानी prem kahani in hindi

हर किसी ने अपने जीवन में प्रेम किया होता है। हर कोई कभी न कभी किसी से प्रेम किया होता है। किसी की प्रेम कहानी (prem kahani) पूरी दुनिया जानती है और कुछ की प्रेम कहानी कोई नहीं जानता है।

यहाँ पर हमने प्रेम कहानी लिखी है। यह सभी प्रेम कहानी (hindi prem kahani) काफी मजेदार है। इस सभी प्रेम कहानी (prem kahani in hindi) को पढ़ने के बाद आपको भी अपने प्रेम कहानी याद आ सकती है।

एक अधूरी प्रेम कहानी love story

एक अधूरी प्रेम कहानी love story
एक अधूरी प्रेम कहानी love story

एक बार की बात है। मैं अपने घर से बाजार की ओर जा रहा था। मेरे घर से बाजार तक जाने के रास्ते में काफी सुनसान रास्ता पड़ता था। कुछ दूर के रास्ते में कोई भी नहीं रहा करता था।

मैं रोज इसी रास्ते से बाजार जाया करता था। आज भी मैं इसी रास्ते से बाजार जा रहा था। मुझे रास्ते में एक लड़की मिली जो बहुत ही डरी हुई थी। उसे डरा हुआ देख मैं उसके पास गया और पूछा क्या हुआ तुम डरी हुई क्यों हो?

लड़की ने कुछ लड़को के ओर इशारा किया। मैं समझ गया। मैं अपने साथ उस लड़की को लेकर उन लड़को के पास गया। मैं उन लड़को को कहा, क्या तुम्हे शर्म नहीं आता है? काफी कुछ कहने के बाद उन लड़को को अपनी गलती का अहसास हुआ।

उन्होंने लड़की से क्षमा माँगा। फिर मैं बाजार की ओर जाने लगा। उस लड़की ने मुझे रोका और कहा, मैं यहाँ पर नई हूँ। मुझे रहने के लिए किराये का घर चाहिए। क्या आप मेरी मदद कर सकते है?

मैंने कहा ठीक है। मेरे घर में एक कमरा खाली था। आप मेरे घर चलिए, अगर आपको पसंद हो तो आप उसमे रह सकती है। अगर आपको पसंद न आए तो मैं आपको दूसरा घर भी दिखा सकता हूँ।

अब वह लड़की और मैं घर की ओर चल पड़े। रास्ते में मैं कुछ भी बोल नहीं पा रहा था। मैं बोलना चाह रहा था लेकिन नहीं बोल पा रहा था। फिर उससे पूछा आपका नाम क्या है?

मैंने कहा राकेश और आपका नाम। उसने ने कहा, सुंदरी। मैंने बोला काफी अच्छा नाम है। अब तक हम घर पर आ गया थे। सुंदरी ने मेरा घर देखा, और वह कमरा भी देखा जिसमे उसे रहना था।

सुंदरी को वह कमरा काफी पसंद आया। फिर वह हमारे घर में रहने लगी। मैं उसे जब भी देखता था तो मेरे मन में अजीब सी हलचल होती थी। पता नहीं उसके मन में होती थी या नहीं।

एक दिन मैं और सुंदरी घूमने जा रहे थे। मैंने सोच लिया था कि आज मैंने सुंदरी को अपने मन की बात कहुगा। हम अपने घर से बहुत दूर एक सड़क पर थे। हम बाइक से चल रहे थे।

मैंने सुंदरी से कहा, मुझे तुमसे एक बात कहानी है। सुंदरी से कहा, मुझे भी तुमसे कुछ कहना है।

मैंने कहा बोलो। सुंदरी बोली, मैं तुम्हे पसंद करती हु और… । ज्यादा ख़ुशी के कारण मैं अपने बाइक को सभाल न सका और हमारे बाइक का दुर्घटना हो गया।

मैं तो बच गया लेकिन सुंदरी ने अपने जान को गवा दी। पर आज भी मेरे दिन में सुंदरी जिन्दा है।

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प्रेम के पागलपन की कहानी

प्रेम के पागलपन की कहानी
प्रेम के पागलपन की कहानी

मेरी प्रेम कहानी (prem kahani) आपको काफी हद तक पसंद आएगी। मैं एक छोटे से ऑफिस में काम किया करती थी। मैं अपने काम से खुश नहीं थी।

मुझे रोज ऑफिस में एक जैसा काम करने को मिलता है। ऑफिस में कंप्यूटर पर काम करना होता था। जिसके कारण मुझे सारा दिन बैठना होता था।

लेकिन मुझे बचपन से ही ऐसे काम को करना पसंद था जो खेलते-कूदते करना हो। मैं इस ऑफिस में पिछले एक साल से काम कर रही थी, अब मुझे काम करने का मन नहीं करता था। पर पैसो के लिए मुझे काम करना पड़ता था।

एक दिन मैं अपने ऑफिस में गई। मुझे बॉस ने एक नए लडके से मिलवाया। वह लड़का नया था। उसे मेरे अंडर काम करने था। बॉस ने मेरे साथ उस लड़के को भेज दिया।

मुझे उस लड़के पर पता नहीं क्यों बहुत गुस्सा आ रहा था। फिर भी बॉस की  बात तो माननी होगी। मैंने उस लड़के का नाम पूछा। उसका नाम था आकाश। हम दोनों बगल में बैठ कर काम करने लगे।

पहले मैंने उसको काम करने के बारे में बताती थी फिर वह खुद से काम करता था। उस लड़के का व्यवहार काफी अच्छा था। मुझे वह कभी परेशान नहीं करता था। वह मेरी मदद ही करना चाहता था।

कुछ समय बिता। अब वह अच्छे से काम करने के बारे में सीख गया। उसे काम करता देख कर मुझे भी काम करने का मन किया करता था। वह हर एक काम को बड़े मन के साथ किया करता था। वह अपने काम से बहुत प्रेम किया करता था।

उसके साथ रहते-रहते मुझे भी अपने काम से प्रेम हो गया। अब हम दोनों काफी खुल कर बाते किया करते थे। मुझे पता नहीं क्यों वह सबसे अच्छा और खास लगता था।

एक दिन हमारे ऑफिस में सभी के जगह को बदला जा रहा था। आज तक हम दोनों एक ही जगह बैठा करते थे। एक ही साथ खाना खाया करते थे और एक ही साथ काम भी किया करते थे।

आज हमारे जगह को बदल दिया गया। मैं ऑफिस इस कोने में थी तो वह ऑफिस के दूसरे कोने में था। मुझे आज पता चला कि मैं आकाश से प्रेम करती हूँ।

मैंने बॉस से कहा, अगर आप चाहते है कि मैं इस ऑफिस में काम करू तो मुझे और आकाश को एक ही जगह पर रखे। नहीं तो मैं इस जॉब को छोड़ दूगी।

बॉस ने आकाश को बुलाया और उससे पूछा। आकाश भी मुझसे प्रेम करता था। फिर बॉस ने हमें एक साथ बैठा दिया। धीरे-धीरे हमारा प्रेम बढ़ता ही गया। आज भी हम एक दूसरे से प्रेम करते है और कल भी प्रेम करते रहेंगे।

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एक अनोखी प्रेम कहानी हिंदी में

एक अनोखी प्रेम कहानी हिंदी में
एक अनोखी प्रेम कहानी हिंदी में

पिछले साल मैं अपनी कार से जा रहा था। रास्ता काफी दूर का था। मुझे काफी देर तक कार चलाना था। मैंने अभी कुछ ही दूर चला था कि मुझे रास्ते में एक लड़की मिली। वह लड़की दुल्हन के कपडे पहने रास्ते के बीच में खड़ी थी।

मैंने काफी तेजी के साथ कार चला रहा था। मैंने उस लड़की को कुछ दूर से ही देख लिए, मैंने अपने कार में ब्रेक लगाया।

लड़की के पास जाते-जाते मेरी कार रूक गई। मैं अपने कार से बाहर निकला और उस लड़की से बोला, तुम्हे बुद्धि नहीं है। तुम सड़क के बीच में खड़ी हो। क्या होता अगर तुम्हरा मेरे कार से दुर्घटना हो जाता।

वह लड़की मेरी बात को सुनकर जोर-जोर से रोने लगी। वह बोली, अब मैं जिन्दा नहीं रहना चाहती हूँ। फिर से वह रोने लगी। मैंने उसे सड़क के किनारे किया। पीने के लिए पानी दिया। उससे पानी पिया और अपने मुँह को धो लिया।

फिर मैंने उससे पूछ। अब बातो तुम्हारे साथ किया हुआ है। उसने कहाँ, मैं एक लड़के से प्रेम करती थी। आज हमारी शादी थी। पर वह लड़की पहले से ही किसी और से शादी कर चूका है।

जब मैंने इस बात को सुना तो मैं पागल सी हो गई। अब मुझे शर्म भी आ रहा था। इसलिए मैंने अपने घर से भाग गई।

मैंने कहा, ठीक है! पर तुम्हे अपने घर से इस तरह नहीं भागना चाहिए। वैसे तुम्हारा घर कहा है। उसका घर वही था जहा मुझे अपने काम से जाना था। मैंने उसे समझाया और कहा चलो मैंने तुम्हारे घर वालो को समझाता हूँ।

फिर हम दोनों कार से उस जगह के लिए चल दिए। मुझे पहली नजर में ही उस लड़की से प्रेम हो गया था। पर वह तो किसी दूसरे से प्रेम करती थी। मैंने उसे रास्ते भर में बहुत कुछ समझाया।

अब वह अपने मन को शांत कर रही थी और जो कुछ भी हुआ उसे भूल भी रही थी। कुछ ही देर में हम उस लड़की के घर पहुंच गए। लड़की के पिता हमें रास्ते में ही मिले।

मैंने उन्हें पहचान लिया। वह मेरे कंपनी में काम करते थे। हम उनके घर गए। उनका घर काफी छोटा सा था। घर मानो तो जब कभी भी गिर सकता था। उन्होंने मुझे बताया कि मैंने अपने जीवन भर की कमाई अपने लड़की के शादी के लिए रखा था।

पर आज मेरा सारा पैसा बर्बाद हो गया। अब मैं कैसे अपनी लड़की की शादी कर पाउगा। यह कहते हुए उनकी आँखो में आँसू आ गया। मैंने उनके बारे में अच्छे से जानता था। वह काफी ईमानदार थे।

उनकी दुःख को मैं समझ पा रहा था। अब मैं क्या करू? मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। कुछ देर सोचने के बाद मैंने कहा, अगर आप मुझे अपनी कड़की के काबिल समझे तो मैंने शादी के लिए तैयार हूँ।

 लड़की, और उसके माता-पिता दोनों ही खुश हो गए और जो भी रिश्ते दार उनकी लड़की को ताने मार रहे थे वह सभी शांत हो गए।

फिर क्या था मैंने उस लड़की से शादी कर लिया। आज मैंने बहुत खुश हूँ।

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मेरी खुद की प्रेम कहानी My prem kahani

मेरी खुद की प्रेम कहानी My prem kahani
मेरी खुद की प्रेम कहानी My prem kahani

कुछ दिन पहले की बात है। मैं एक प्रेम कहानी (love story in hindi) पढ़ रहा था कि मुझे एक ऐसा प्रेम कहानी मिला जो प्रेम कहानी बिलकुल मेरी प्रेम कहानी (prem kahani) जैसी थी।

यह प्रेम कहानी (prem kahani) उस समय की है जब मैं कॉलेज में पढ़ रहा था। मैंने पढ़ने में काफी अच्छा था। मुझसे मेरे हर टीचर खुश रहा करते थे। एक बार मेरे कॉलेज में एक नई लड़की आई। वह मुझसे एक क्लास छोटी थी पर पढ़ने में मुझसे एक क्लास बड़ी।

वह मेरे क्लास के सवालो को मुझसे कम समय में हल कर दिया करती थी। मुझे मेरे दोस्तों से और मेरे टीचर से अब बस उस लड़की की तारीफ सुनने को मिलता था। मुझे उसकी तारीफ पर बहुत ज्यादा गुस्सा आता था।

एक दिन मेरा सामना उस लड़की से हो ही गया। मैंने कहा, क्या तुम पढ़ने में मुझसे ज्यादा चालाक हो। मैं तुम्हारी तारीफ सुन-सुन कर थक गया हूँ।

अगर तुम्हे लगता है कि तुम मुझसे पढ़ाई में तेज हो। तो फिर मुकाबला हो जाए। उसकी साथ कुछ लड़की ने इस बात को सुन लिया। उन्होंने टीचरो से बता दिया।

अगले दिन टीचर ने हमे मुकाबला करने के लिए आमने-सामने कर दिया। मैं वैसे भी उस लड़की से बहुत ज्यादा गुस्सा करता था। आज मुझे अपने गुस्सा को शांत करने का मौका मिल गया था।

मैं एक पर एक सवाल उस लड़की से पूछता जा रहा था। मैं उसे एक सवाल का जवाब भी देने का समय नहीं देता था कि दूसरा सवाल पूछ देता था।

कुछ देर सवाल पूछने के बाद मेरे सवाल ख़त्म हो चले थे। फिर मैंने कुछ देर रूक-रूक कर सवाल करता था। अब मुझे लग रहा था कि उसे तो हर एक सवाल का जब मालूम है पर वह किसी सवाल का जब नहीं दे रही थी। मैंने बिलकुल शांत हो गया।

मेरे टीचर ने उस लड़की से कहा, अब तुम सवाल इससे पूछो। पहले तो लड़की मेरे से सवाल नहीं करना चाहती थी पर फिर टीचर के दबाव के कारण मुझसे सवाल करने लगी।

वह काफी आसान सवालो को पूछ रही थी। जिसका जवाब देना मेरे लिए काफी आसान था। कुछ ही सवाल को पूछने के बाद वह बिलकुल शांत हो गई।

फिर टीचर ने हम दोनों से सवाल पूछना शुरू किया। जो सवाल आसान होता या फिर मुझे आता था उसका जवाब वह लड़की नहीं देती थी।

पर जो सवाल कठिन होता और जिसक जवाब मुझे नहीं आता था उसका जवाब वह खुद देती थी।

इसके साथ ही वही मेरी मदद भी किया करती थी। अब मुझे समझ में आ गया कि हम दोनों एक दूसरे के दुश्मन बनकर खुद का नुकसान कर सकते है और वह लड़की तो मुझे अपना दुश्मन नहीं दोस्त मानती है।

मैंने उसी दिन ही उस लड़की से दोस्ती कर लिया। धीरे-धीरे हम एक अच्छे दोस्त बन गए। अब हम साथ पढ़ाई करते है, एक साथ कॉलेज आते है।

मुझे अभी तक यह नहीं पता है कि वह लड़की मुझसे प्रेम करती है या फिर नहीं। पर मैंने उससे बहुत ज्यादा प्रेम करता हूँ।

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इस सभी प्रेम कहानी (prem kahani in hindi ) को पढ़ कर आपको भी प्रेम के बारे में सोचने को मिलेगा। यहाँ पर हमने नई प्रेम कहानी लिखी है।

आप अगर नई प्रेम कहानी (new prem kahani) पढ़ना पसंद करते है तो आप यहाँ पर लिखी प्रेम कहानी (prem kahani) को पढ़ सकते है।

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