भालू और दो दोस्त की कहानी दो दोस्त की है। यह दोनों दोस्त अपने गांव से दूसरे गांव जा रहे होते है तो रास्ते में इन्हे एक भालू मिलता है।
भालू को देख एक दोस्त खुद की जान बचाने के लिए दूसरे दोस्त को छोड़ कर एक पेड़ पर चढ़ जाता है।
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भालू और दो दोस्त की कहानी

किसी गाँव में दो लड़के रहा करते थे। एक लड़के का नाम राहुल तो दूसरे लड़के का नाम श्याम था। उन दोनों लड़को में बहुत ही गहरी दोस्ती थी।
उनकी दोस्ती की बात सारे गाँव में हुआ करता था। सभी लोग कहते थे कि दोस्ती हो तो इनके जैसी। एक दिन दोनों को अपने गाँव से किसी दूसरे गांव जाना था।
वह दोनों चलने के लिए तैयार हो गए। उनके रास्ते में एक जंगल पड़ता था। वह जंगल के रास्ते से जा रहे थे।
तो उन्हें एक भालु आता हुआ नजर आए। अब वह सोचने लगे कि क्या करे? श्याम को पेड़ पर चढ़ाना आया करता था।
तो वह तुरंत ही एक पेड़ पर चढ़ कर खुद को सुरक्षित कर लिए। पर राहुल को पेड़ पर चढ़ने नहीं आया करता था।
उसने श्याम से मदद माँगी। पर श्याम ने मदद करने से साफ मना कर दिया। राहुल जमीन पर सो कर अपने साँस को रोक लिया। वह जमीन पर इस तरह से सोया हुआ था कि मानो वह मर चूका है।
भालू राहुल के पास आकर राहुल को सूंघने लगा। फिर वह भालू वह से चला गया। अब श्याम भी पेड़ से नीच आ गया।
श्याम ने राहुल से पूछा, वह भालू तुम्हारे कान में क्या कह रहा था? इस पर राहुल ने कहा, भालू कह रहा था कि किसी दोस्त पर भरोसा मत करना। यह कहानी यही ख़त्म।
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यह कहानी पूरे देश में भालू और दो दोस्त की कहानी के नाम से प्रसिद्ध है। इस कहानी को पढ़ने के बाद एक अच्छा और नया सीख मिलता है।
यह कहानी आपको कैसी लगी आप हमें बता सकते है। भालू और दोस्त की कहानी एक पुरानी कहानी है। पर एक अच्छी कहानी है। इसलिए ही आज तक पढ़ी जाती है।