हंस और कौवा की कहानी हिंदी में, Story of swan and crow in hindi

हंस और कौआ की कहानी (Story of swan and crow in hindi )भी एक बहुत ही पुरानी कहानी में से एक है। इस कहानी में हंस को देखकर कौआ भी सफ़ेद होना चाहता है। इस कहानी को आज भी पसंद किया जाता है।

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हंस और कौआ की कहानी swan and crow story in hindi

swan and crow story in hindi
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हमने आपके लिए कौआ और हंस की कहानी लिखी है हिंदी भाषा। इस कहानी को पढ़ कर आप भी बहुत कुछ सीख सकते है।

कही दूर एक कौआ रहा करता था। वह कौआ अपने जीवन से बहुत ही खुश था। वह कौआ जो भी सोच लेता उसे कर ही लेता था। एक दिन जब वह एक नदी के पास एक पेड़ की डाल पर बैठा था। तो उसे वहाँ कुछ हंस नजर आई।

हंस को यह कौआ बस देखता जा रहा था। कौआ काला था और हंस का रंग बिल्कुल दूध की तरह सफ़ेद। कौआ सोचने लगा क्या हो अगर मैं हंस की तरह सफ़ेद हो जाऊ।

उसे कौआ को अपने काले रंग से नफरत होने लगी। वह जल्द से जल्द सफ़ेद होना चाहत था। उस कौआ ने कुछ दिनों तक हंस को देखा। वह क्या खाती है, कैसे उड़ाती है, इसके साथ ही बहुत कुछ जो हंस करती है।

कौआ को लगा अगर मैं साबुन से नहा लू तो मैं भी सफ़ेद हो सकता हूँ। कौआ एक घर में गया। उस घर में से कौआ अपने मुँह में साबुन लेकर उड़ गया। साबुन को लेकर कौआ एक नदी के किनारे आकर नहाने लगा।

वह काफी देर तक नहाता रहा। फिर भी वह काला से सफ़ेद न हो सका। उस कौआ को ठंड भी लग रही थी।

अब उसे समझ में आ गया था कि कुछ भी करके वह सफ़ेद नहीं हो सकता है। मन में निराशा लेकर वहाँ से चला गया। अगले दिन ज्यादा नहाने के कारण उसकी तबियत भी ख़राब हो गई। इसके साथ ही वह उसके शरीर के पंख भी झड़ने लगा।

अब उस कौए को अपने शरीर की असली कीमत समझ में आ गई थी। इस कहानी (hans aur kauwa ki kahani) का मूल्य हमेशा याद रखे।

इस कहानी (hans aur kauwa ki kahani) से हमें सीख मिलता है कि हमें अपने शरीर के रंग, रूप को किसी दूसरे के साथ नहीं तुलना चाहिए। हर एक व्यक्ति अपने आप में खास है।

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चालाक कौआ की कहानी

चालाक कौआ की कहानी

यह कहानी भी एक कौआ की है। यह कौआ भी बहुत चालाक होता है। अपनी बुद्धि की मदद से वह पूरे जंगल को बचा लेता है। इस कहानी को पढ़ कर पूरी कहानी को जाने।

बहुत समय पहले की बात है। किसी जंगल में एक कौआ रहा करता था। वह कौआ काफी चालाक था। उस कौए को जंगल के सभी जानवर प्रेम करते थे।

एक बार की बात है। वह कौआ आकाश में उड़ रहा था। आकाश से उसे कुछ शिकारी नजर आए। यह शिकारी जंगल की ओर आ रहे थे।

कौआ को समझने में देर न लगा कि शिकारी जंगल की ओर क्यों आ रहे है। वह कौआ सभी जानवरों को शिकारी के बारे में बताने में सफल हो गया। सभी जानवर शिकारी से बचने के लिए सुरक्षित स्थान पर चले गए।

पर जंगल के राजा शेर शिकारी के जाल में फास गया। कौआ यह देख लिया। वह सोचने लग कि आखिर कैसे अपने राजा को बचाया जा सकता है?

कुछ देर सोचने के बाद कौआ के दिमाग में एक योजना आया। वह तेजी से उड़ते हुए हाथी के मुखिया के पास गया। उससे मदद करने के लिए कहा। फिर वह अपने मित्र एक चूहे के पास गया। उस चूहे को अपने मुँह में लेकर आकाश में उड़ गया।

जहाँ शिकारी थे उसी के पास कौआ ने चूहे को छोड़ दिया। आकाश में उड़कर काव-काव करने लगा। इधर से हाथी भी अपने पैरो को जमीन पर जोर-जोर से मरते हुए शिकारी की ओर आने लगे।

शिकारी को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। अब शिकारों को अपने जान बचाने के लिए भागना ही एक रास्ता था। फिर क्या था शिकारी अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। कौआ भी उनके सिर पर चोंच मारने लगा।

इधर चूहे से जाल को काट कर शेर को आजाद कर दिया।  इसके बाद वह शिकारी फिर से जंगल की ओर नहीं आए। अपनी सूझ-बुझ से कौआ ने पुरे जंगल के जवारों को बचा लिया। इसके लिए सभी जानवरो ने कौआ को काफी सम्मना दिया।

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