akbar birbal ki kahani hindi mein
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अकबर बीरबल की कहानी हिंदी में akbar birbal story hindi mein

अकबर बीरबल की कहानी (akbar birbal ki kahani)। एक काल्पनिक और असली कहानी भी है। ऐसी बहुत-सी अकबर बीरबल की कहानी है जो काफी हद तक काल्पनिक कहानी है वही अकबर बीरबल की बहुत ऐसी कहानी है जो असली कहानी है।

अकबर बीरबल की कहानी (akbar birbal ki kahani) पढ़ने में पढ़ने वाले को बहुत मजा आता है। अकबर बीरबल की कहानी (akbar birbal story in hindi) देश के अलावा विदेशो में भी पढ़ा जाता है।

अकबर बीरबल की कहानी में बीरबल बादशाह अकबर के सवालों को हल करते है वही जब भी ऐसा कुछ होता है जो बादशाह अकबर हल नहीं कर पाते है तो बीरबल उस समस्या को हल कर देते है।

अकबर के राज्य का मूर्ख व्यक्ति akbar birbal ki kahani

अकबर के राज्य का मूर्ख व्यक्ति
अकबर के राज्य का मूर्ख व्यक्ति

बादशाह अकबर ने बीरबल को हुक्म दिया कि इस राज्य के सभी मुर्ख व्यक्ति की एक सूचि बनाकर मेरे सामने पेशा किया जाए। जिस दिन बादशाह अकबर ने यह हुक्म दिया उस दिन ही बादशाह से दूसरे देश से एक व्यापारी मिलने आया। उस व्यापारी के पास कुछ अरबी घोड़े थे।

बादशाह को अरबी घोड़े बहुत ही पसंद थे और वह व्यापारी अरबी घोडा बेचने ही आया था। बादशाह ने उस व्यापारी से वैसे ही 100 से ज्यादा अरबी घोड़ो की मांग किया। व्यापारी इस पर बहुत खुश हुआ और 100 का दाम लेकर बादशाह को कहा की आपके पास कुछ समय में ही 100 अरबी घोड़े आ जाएगे। उसके बाद वह व्यापारी बादशाह से बिदा लेकर चला गया।

कुछ ही दिनों में बीरबल ने राज्य के सबसे मुर्ख व्यक्ति के सूचि को तैयार कर लिया। सूचि को तैयार करने के बाद बीरबल ने उस सूचि को बादशाह अकबर के सामने पेश किया। उस सूचि में बादशाह  अकबर का नाम सबसे ऊपर था। अपना नाम सबसे ऊपर देख बादशाह ने बीरबल से इसका कारण पूछा।

बीरबल ने बताया, बादशाह! आपने उस दिन 100 अरबी घोड़े के लिए उस व्यापारी को पूरा दाम दिया लेकिन आप उस व्यक्ति को न तो जानते है और न ही आपने उसके बारे में जानने की कोशिश किया। अब वह व्यक्ति आपके पास कभी आने वाला नहीं है और ना ही आपको 100 अरबी घोडा मिलने वाला है। इस कारण आपका नाम मुर्ख सूचि से सबसे ऊपर है।

बीरबर के यह बात सुनकर बादशाह अकबर को अपने गलती का अहसास हुआ। उन्होंने ऐसी गलती न करने को तय कर लिया। फिर बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा, यदि वह व्यापारी घोड़े लेकर आ गाय तो किया होगा?

बीरबल ने कहा, ऐसा होने पर आपका नाम इस सूचि से हटा दिया जाएगा। यह जवाब सुनकर बादशाह अकबर के साथ दरबार में मौजूद सभी हँसाने लगे।

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बादशाह अकबर के सपने का मतलब

बादशाह अकबर के सपने का मतलब
बादशाह अकबर के सपने का मतलब

एक दिन की बात है। राजा अकबर ने एक सपना देखा। सपने में राजा ने देखा कि उनके मुँह के सभी दाँत टूट चुके है बस आगे 2 दाँत ही बचे है। उसके दाँत टूटने के कारण उसका चेहरा काफी बेकार हो गया। इस सपने के मतलब को जानें के लिए राजा अकबर ने राज्य और देश के बड़े से बड़े ज्योतिष को बुलाया जो इस सपने का मतलब बता सके।

एक ज्योतिष ने राजा अकबर से कहा, आपके सपने का मतलब काफी बेकार है। आपके सभी लोग आपके पहले ही मर जाएगे। सबके मरने के बाद आप मरेंगे। यह सुनकर राजा अकबर को बहुत ज्यादा गुस्सा आ गया। राजा ने उस ज्योतिष को जाने से मारने का आदेश दे दिया।

यह आदेश सुनकर बीरबर खड़े हुए और बोले, बादशाह मैं आपके सपने का मतलब बताना चाहता हु। राजा अकबर ने कहा, इज्जत है।

बीरबल ने कहा, आपके सपने का मतलब है कि आपकी उम्र दूसरे से सबसे ज्यादा है। आप काफी लम्बे समय तक जीवन जीने के लायक है। सपने का यह मतलब सुनकर राजा अकबर बहुत खुश हुए और बीरबर से कहा, तुम किया मांगते हो? मैं तुम्हे हर एक चीज देने के लिए तैयार हूँ। बीरबर ने कहा इस ज्योतिष को न मारा जाए। इसने भी सपने का सही मतलब बताया है लेकिन इसे सही से बताने नहीं आया है।

बीरबल की यह बात सुनकर राजा अकबर बहुत खुश हुए और ज्योतिष को आजाद कर दिया।

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रसोइया का बीरबल से सवाल akbar birbal story

रसोइया का बीरबल से सवाल
रसोइया का बीरबल से सवाल

बादशाह अकबर के दरबार में एक खाना बनाने वाला रसोइया रहता था। वह रसोइया बीरबर को पसंद नहीं करता था। वह बादशाह अकबर के मुँह से बीरबल के तारीफ को सुनकर बहुत ज्यादा गुस्सा करता था। एक दिन जब बादशाह भोजन कर रहे थे तो उस रसोइया ने अकबर ने कहा, बादशाह मैं दरबार में बीरबल से कुछ सवाल पूछना चाहता हु।

तभी ही मैं बीरबर को बुद्धिमान मान सकता हु। इस पर अकबर तैयार हो गए। दरबार लगा। दरबार से सभी लोगो हाजिर हुए। दरबार में रसोइया भी आया और बोला, मैं बीरबल को बुद्धिमान तब ही मानुगा जब बीरबल मेरे 2 सवाल का जवाब सही दे पाएगे।

अकबर ने कहा, अपने सवाल बीरबल से पूछो। रसोइया ने सवाल पूछना शुरू किया।

1. इस जमींन का केंद्र कहा है?

2.आकाश में कितने तारे नौजूद है?

यह प्रश्न को सुनकर बीरबर मन ही मन हॅंस दिए। फिर बीरबल ने सवालो का जवाब देना शुरू किया। इस जमींन का केंद्र मेरे पैर के पास है। अगर तुम्हें यकीन न हो तो इस धरती को नाप कर देख लो। अगर यह केंद्र न हुआ तो फिर तुम मझसे बात करना। तुम्हारे दूसरे सवाल का जवाब है कि जितना तुम्हारे सर में बाल है उतना ही आकाश में तारे है।

फिर भी तुम्हें यकीन न हो तो पहले अपने सर के बाल को गिन लो फिर आकाश में मौजूद तारे को गिन लो। एक भी कम ज्यादा नहीं हो सकता है। अपने सवालो का इस प्रकार ने जवाब सुनकर रसोइया कुछ न बोल सका। रसोइया ने अपनी गलती को मान लिया और फिर कभी बीरबल के सामने कोई सवाल करने के बारे में नहीं सोचा।

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जनता के ख़ुशी का कारण

जनता के ख़ुशी का कारण
जनता के ख़ुशी का कारण

एक दिन बादशाह अकबर अपने दरबार में बैठे हुए थे। बादशाह अकबर ने बीरबर ने कहा, हमारे राज्य की जनता कितनी खुश है। जनता की ख़ुशी का कारण सबसे ज्यादा हमारे राज्य के ईंमानदार व्यक्ति है। अगर राज्य में ईंमानदार व्यक्ति न होते है हर एक स्थान पर इतनी ख़ुशी न होती है। इस पर बीरबल ने जवाब दिया, बादशाह! जनता की ख़ुशी का कारण ईंमानदार व्यक्ति नहीं है बल्कि दंड मुख्य कारण है।

बादशाह अकबर ने कहा वह कैसे। इस को मैं नहीं मान सकता हूँ। बीरबल ने कहा, बादशाह यही सत्य है। फिर बादशाह अकबर ने कहा, क्या तुम ऐसे साबित कर सकते हो। बीरबल साबित करने के लिए तैयार हो गए।

बीरबर ने बादशाह अकबर से राज्य में घोषणा करवाने को कहा। उस घोषणा में कहा जाए कि राज्य के हर एक व्यक्ति को रात के समय पीपल के पास वाले कुँए में एक लोटा दूध डालना है। बादशाह अकबर ने ऐसा ही किया। पुरे राज्य में इसकी घोषणा करवा दी।

रात के समय राज्य के सभी लोग अपने अपने हाथ में लोटा लिए कुए के पास आते है। और कुए में दूध को डाल कर चले जाते है। सुबह हुए और जब बादशाह अकबर और बीरबल कुए पास गए तो उन्हें उस कुए में बस पानी ही पानी नजर आया। कुए बस पानी को देख बादशाह अकबर ने बीरबल ने कहा, जनता ने तो कुए में दूध डाला था लेकिन इस कुए में तो बस पानी ही पानी है।

इस पर बीरबल ने कहा, बादशाह! वास्तव में किसी ने भी इस कुए में दूध को नहीं डाला सभी को लगा की सभी तो कुए में दूध ही डालेंगे अगर मैं इस कुए में पानी को दाल दुगा तो किया हो जाएगा। बादशाह अकबर को समझ आ गया की अपने देश को खुश रखने और सुरक्षित रखने के लिए नियम कानून बनाने चाहिए और गलती होने पर दंड भी देना चाहिए।

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बादशाह अकबर के 5 सवाल akbar birbal ki kahani

बादशाह अकबर के 5 सवाल akbar birbal story
बादशाह अकबर के 5 सवाल akbar birbal story

बादशाह अकबर को सवाल पूछने की आदत हो गई थी। एक बार बादशाह अकबर ने दरबार में बैठे-बैठे 5 सवाल को दरबार में मौजूद सभी लोगो से पूछा।

बादशाह अकबर के सवाल कुछ इस प्रकार से थे।

1. कौन सा फूल सबसे अच्छा?

2.किसका दूध सबसे अच्छा?

3. कौन सा मिठास सबसे अच्छा?

4. कौन सा पत्ता सबसे अच्छा?

5. कौन राजा सबसे अच्छा?

बादशाह अकबर के यह सवाल सुनने के बाद दरबार में मौजूद बहुत से लोगो ने अपना-अपना जवाब बताया। कोई किसी फूल को अच्छा बताता तो कोई किसी जानवर का दूध सबसे अच्छा बताता तो वही कोई सबसे अच्छा पत्ता आम के तो नीम के पत्ते को सही बता। जब इतने से काम नहीं चला तो वह बादशाह अकबर को सबसे अच्छा राजा बताने लगे। लेकिन बादशाह अकबर किसी के जवाब से खुश न हो सके।

फिर बादशाह अकबर ने बीरबर से जवाब देने को कहा। बीरबर ने राजा के 5 सवाल के ऐसे जवाब दिया।

बीरबल ने कहा, बादशाह! आपके पहले सवाल का जवाब है कपास का फूल सबसे अच्छा होता है। इसका कारण है की कपास के फूल से ही कपडा बनता है और उस कपडे से हम अपने शरीर को ढक पाते है। दूसरे सवाल का जवाब है माँ का दूध। माँ का दूध ही बच्चे के शरीर के विकास में मदद करता है। आपके तीसरे सवाल का जवाब है वाणी।

वाणी से मीठा कुछ भी नहीं हो सकता है। वाणी दुश्मन को दोस्त बना सकती है। चौथे सवाल का जवाब है पान का पत्ता। पान का पाता है जिसे इंसान अपने मुँह से चबाता है और पान इंसान के मुँह के सोभा को बढ़ा देता है।

आपके आखरी सवाल का जवाब है इंद्र सबसे अच्छे और श्रेष्ठ राजा है। इसका कारण है कि उनकी कृपा से ही वर्षा होती है। वर्षा के कारण ही यह धरती इतनी हरी भरी रहती है और हम इंसान इस धरती पर जीवित है।

अपने सभी सवालों का सही जवाब सुनकर अकबर बहुत ज्यादा ही खुश हुए। राजा अकबर ने बीरबल को बहुत से उपहार भी दिए।

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दूसरी और कहानी से अकबर-बीरबल की कहानी (akbar birbal ki kahani) की ज्ञान से भरी होती है और पढ़ने में मजा आता है। हर एक अकबर-बीरबल की स्टोरी (akbar birbal ki kahani) से कुछ नया और खास सीखने को मिलता है। ऐसी काफी हद तक सवाल होते है जिसको हम हल नहीं कर पाते है लेकिन कहानी में बीरबल ऐसे सवालों को काफी आसानी के साथ हल कर देते है।

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