डीएम कैसे बने? सम्पूर्ण जानकारी 2023 | How to become a District magistrate in Hindi

लगभग हर एक स्टूडेंट का कोई ना कोई एक सपना होता है कि वह पढ़ लिखकर कुछ ना कुछ बन सके।

बहुत से लोग सही दिशा में मेहनत करके अपना सपना पूरा भी कर लेते हैं हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में जब हम किसी व्यक्ति को आंखें दिखाते हैं तो सामान्यत: उसका जवाब होता है कि मैं तुमसे क्यों डरूं, तुम कलेक्टर हो क्या ?

डीएम का फुल फॉर्म District Magistrate होता है डीएम को कलेक्टर के नाम से भी जाना जाता है। सही दिशा में मेहनत और सही मार्गदर्शन प्राप्त करके आप डीएम बन सकते हैं।

अगर आपका सपना डीएम बनना है तो इस लेख को ध्यान से पढ़िएगा। इस लेख में हमने आपको बताया है कि आप डीएम कैसे बन सकते हैं, डीएम बनने के लिए क्या योग्यताएं होनी चाहिए?

अगर डीएम बनना आसान नहीं है तो मुश्किल भी नही है, इसके लिए आपको एकाग्रता से मेहनत करनी है। आप 12th पास करके डीएम बनने की तैयारी कर सकते हैं।

इस लेख में आपको बताया गया है कि डीएम बनने के लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या गलतियां आपको नहीं करनी चाहिए?

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डीएम क्या है? और डीएम के कार्य

डीएम का स्थान जिले में सबसे उच्च होता है। डीएम जिले का मुखिया होता है डीएम का कार्य नागरिक प्रशासन,पंचायत व स्थानीय निकायों, विकास कार्य आदि क्षेत्रों की जिम्मेदारी का कार्य होता है।

डीएम जिले के पुलिस अधीक्षक के साथ कानून व्यवस्था का प्रभारी होता है। जिले की विभिन्न शाखाओं के कामकाज की निगरानी का कार्य भी डीएम का होता है।

डीएम अपने अधीन कार्य करने वाले अधिकारियों के कार्य की निगरानी रखता है। डीएम जिले में राजस्व मामलों का अधिकारी होता है। डीएम जिले का सबसे सम्मानीय व्यक्ति होता है।

डीएम बनने के लिए योग्यता (eligibility criteria)

डीएम बनने के लिए अगर हम शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो आपको किसी भी यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करनी होती है।

ग्रेजुएशन करने के बाद आप भी डीएम बनने के लिए UPSC सिविल सेवा परीक्षा का एग्जाम दे सकते हैं ।

डीएम बनने के लिए आयु सीमा (Age limit)

अगर बात करें आयु सीमा की तो यह आपकी category पर निर्भर  करता है

1.यदि आवेदक जनरल कैटेगरी से है तो उसकी आयु सीमा 21-32 वर्ष होनी चाहिए।

2.यदि आवेदक OBC कैटेगरी से है तो उसकी आयु सीमा 21-35 वर्ष होनी चाहिए।

3.यदि आवेदक Sc/St कैटेगरी से है तो उसकी आयु 21-37 वर्ष होनी चाहिए।

डीएम कैसे बनें? (2021)

How to become a District magistrate in Hindi
How to become a District magistrate in Hindi

अगर आप डीएम बनना चाहते हैं तो आपको यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा सिविल सर्विस परीक्षा को क्लियर करना होता है। इस परीक्षा को पास करने वाले परीक्षार्थी IAS Officer, IPS officer, IFS officer, IRS officer के रूप में चुने जाते हैं।

डीएम एक IAS ऑफिसर ही होता है |  मतलब आपको डीएम बनने के लिए यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा पास करके IAS ऑफिसर बनना होता है। अब बात आती है कि UPSC क्या है?

तो दोस्तों नीचे आपको यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई है कि आप किस तरह से इस परीक्षा को क्लियर कर सकते हैं? और यूपीएससी का एग्जाम पैटर्न क्या होता है?

UPSC सिविल सेवा परीक्षा क्या है?

UPSC का पूरा नाम Union public service commission होता है। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा यूपीएससी द्वारा हर साल आयोजित कराई जाती है।

आप यूपीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर सिविल सेवा परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक मानी जाती है।

हर वर्ष लगभग 10 लाख परीक्षार्थी यूपीएससी की परीक्षा देते हैं और उसमें से मात्र 1 हजार विद्यार्थी ही इसको क्लियर कर पाते हैं। सही दिशा में और दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास के साथ परीक्षा की तैयारी करने वाला परीक्षार्थी इसमें सफल हो जाता है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सबसे पहले आपको प्रारंभिक परीक्षा देनी होती है। प्रारंभिक परीक्षा (प्रीलिम्स) को क्लियर करने के बाद आपको मुख्य परीक्षा देनी होती है।

मुख्य परीक्षा (mains ) को क्लियर करने के बाद आपको यूपीएससी इंटरव्यू देना होता है। इन तीनों परीक्षाओं में लगभग 1 वर्ष का समय लग जाता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा का परीक्षा पैटर्न

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के 3 चरण होते हैं:

● प्रारंभिक परीक्षा (prelims)

● मुख्य परीक्षा (mains)

●साक्षात्कार (interview)

प्रारंभिक परीक्षा का पैटर्न

यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में परीक्षार्थियों को दो प्रश्न पत्र हल करने होते हैं। पहला प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन (general studies)  का होता है।

इस प्रश्न पत्र में कुल 100 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होते हैं। प्रत्येक वस्तुनिष्ठ प्रश्न दो अंक का होता है। तथा या प्रश्नपत्र कुल 200 अंकों का होता है। इसे हल करने के लिए 2 घंटे का समय मिलता है ।

जनरल स्टडीज के प्रश्न पत्र के पाठ्यक्रम में इतिहास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भूगोल, पर्यावरण व पारिस्थितिकी, राजव्यवस्था, अर्थशास्त्र, करंट अफेयर्स व अंतरराष्ट्रीय संबंध आदि शामिल है।

दूसरा प्रश्न पत्र प्रशासनिक सेवा एप्टिट्यूड टेस्ट (CSAT) का होता है। इसमें कुल 80 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होते हैं। प्रत्येक वस्तुनिष्ठ  प्रश्न 2.5 अंक का होता है।

तथा 2 घंटे में इस प्रश्नपत्र को हल करना होता है। इसके पाठ्यक्रम में Reasoning, Mathematics, Comprehension शामिल है ।

CSAT को क्लियर करने के लिए 33 परसेंट अंक लाना जरूरी है। यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग होती है। प्रत्येक गलत उत्तर देने पर 1/3 अंक काट लिए जाते हैं।

प्रारंभिक परीक्षा में चयनित विद्यार्थी मुख्य परीक्षा देते हैं। आपको बता दें कि प्रारंभिक परीक्षा के अंक को मुख्य परीक्षा के साथ नहीं जोड़ा जाता है।

मुख्य परीक्षा का पैटर्न

मुख्य परीक्षा को लिखित परीक्षा के नाम से भी जाना जाता है। मुख्य परीक्षा केवल उन्हीं छात्रों को देनी होती है। जो प्रारंभिक परीक्षा को क्वालीफाई कर लेते हैं।

यूपीएससी मुख्य परीक्षा में कुल 9 पेपर होते हैं। पहला पेपर निबंध का होता है। इसके बाद अगले चार पेपर सामान्य अध्ययन के ( GS-1, GS-2 , GS-3 , GS-4 ) होते हैं।

छटा पेपर इंग्लिश का होता है, जो 300 अंक का होता है। इसमें क्वालीफाई करने के लिए 75 अंक लाना अनिवार्य है। तथा सातवा पेपर कोई एक भाषा का होता है।

यह भी 300 अंक का होता है, इसमें 75 अंक लाना अनिवार्य है। आपको बता दें कि छठवें और सातवें पेपर के अंक नहीं जुड़ते हैं। इन दोनों में 25% अंक लाकर क्वालीफाई करना अनिवार्य होता है।

8th और 9th पेपर ऑप्शनल सब्जेक्ट का होता है। यह दोनों ही पेपर 250- 250 अंको के होते है। इस तरह मुख्य परीक्षा के कुल 1750 अंक होते हैं।

विषयअंक
निबन्ध250
GS-1 250
GS-2250
GS-3250
GS-4 (ethics)250
Optional sub – 1250
Optional sub – 2250
कुल अंक 1750

सिविल सेवा परीक्षा साक्षात्कार / UPSC interview

मुख्य परीक्षा क्लियर करने वाले स्टूडेंट्स को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इंटरव्यू 275 अंक का होता है। इसे पर्सनालिटी टेस्ट भी कहा जाता है।

मुख्य परीक्षा के 1750 अंक व साक्षात्कार के 275 अंक को मिलाकर कुल 2025 अंकों में से प्राप्त अंक द्वारा मेरिट सूची बनाई जाती है। यूपीएससी साक्षात्कार एक पैनल द्वारा लिया जाता है।

यह लगभग 30 मिनट का इंटरव्यू होता है। यूपीएससी साक्षात्कार के अधिकांश प्रश्न आपके द्वारा भरे गए Detailed Application form (DAF) द्वारा भी पूछे जाते हैं।

आप साक्षात्कार देते जाते समय बिल्कुल अलर्ट रहें, क्योंकि बहुत से सवाल ऐसे पूछे जाते हैं जो हाल ही में अपने अनुभव किए हैं।

यूपीएससी इंटरव्यू में लगभग सवाल आप से ही संबंधित पूछे जाते हैं, जैसे आपके नाम का मतलब क्या है? या आप IAS अधिकारी क्यों बनना चाहते हैं?

यूपीएससी इंटरव्यू  देने जाते समय घबराएं नहीं क्योंकि यह इंटरव्यू आपके नॉलेज के साथ-साथ आपकी पर्सनालिटी को चेक करने के लिए लिया जाता है ।

डीएम को मिलने वाली सुविधाएं

डीएम एक प्रशासनिक अधिकारी होता है। डीएम बनने के बाद आपको सरकार द्वारा अनेक प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

डीएम को अनेक प्रकार की सुविधाएं जैसे- एक बंगला ,चपरासी, सिक्योरिटी, कुक स्टाफ आदि सुविधाएं प्रदान की जाती है।

इसके अलावा डीएम को हेल्थ फैसिलिटी, मुफ्त दूरभाष आदि सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। डीएम को रिटायर होने के बाद लाइफ टाइम पेंशन दी जाती है।

इसके अलावा डीएम को आधिकारिक कामों के लिए एक वाहन भी दिया जाता है। इन सब सुविधाओं के अलावा डीएम को सभी सम्मान देते हैं।

डीएम की वेतन

सातवें वेतन आयोग के अनुसार एक IAS अधिकारी की बेसिक सैलरी 56,100 रुपए प्रति महीना होती है। यह वेतन पदोन्नति के साथ 2,25,000 रुपए प्रतिमाह हो जाती है। डीएम को वेतन के साथ साथ कई प्रकार के भत्ते भी मिलते हैं।

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सार- Summary

दोस्तों यही था हमारा आर्टिकल जिसमें हमने आपको बताया कि डीएम कैसे बनें? सच्चे मन और लगन से जब हम कोई काम करते हैं तो वह अवश्य पूरा होता है।

आप भी इसी विश्वास के साथ मेहनत करके अपने डीएम बनने का सपना पूरा कर सकते हैं, लेकिन इस रास्ते में आपको कई मुश्किलें आ सकती हैं।

आप को मुश्किलों को पार करते हुए निरंतर मेहनत करते जाना है, अगर आपके मन में अगर कोई भी सवाल है। तो कमेंट करके बताइए आपकी परेशानी को जल्द से जल्द कमेंट द्वारा हल किया जाएगा।

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