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list of bhoot ki kahani in hindi
- एक मृत सहेली ने जिंदा सहेली को बुला लिया bhoot ki kahani
- शिमला का वो श्रापित जंगल bhoot ki kahani
- जंगल के रास्ते का रहस्य bhoot ki kahani
- एक औरत की काली जुबान bhoot ki kahani
एक मृत सहेली ने जिंदा सहेली को बुला लिया
यह घटना बड़ौदा शहर की है । एक बार की बात है। तब हम लोग 12वीं कक्षा में पढ़ते थे । मेरा नाम ममता और मेरी खास सहेलियां भी थी । जिनका नाम रीता और सुनीता था । दोनों एक दूसरे के साथ हमेशा खुश रहती 1 दिन की बात है। जब रीता की शादी तय हो गई । सभी सहेलियों को बोला कि तुम सब मेरी शादी में जरूर आना। हमें आज भी याद है कि रीता की हल्दी मेहंदी हो गई थी ।
और सोमवार को उसकी बारात आने वाली थी। तब हम लोग मिलकर रीता की शादी में उसके घर गए थे.और उसकी पक्की सहेली सुनीता भी आई थी। रीता सजी-सँवरी बैठी थी। उस को तो बरात आने का ही इंतजार था और होता भी क्यों नहीं भाई उसका तो राजकुमार घोड़े पर चढ़कर आने वाला था.और खुशी का माहौल था। हम लोग भी नाच गा रहे थे.
और रीता के साथ हंसी मजाक भी कर रहे थे। आखिर वह घड़ी आ ही गई रीता शादी करके सुबह अपने ससुराल जाने वाली थी। हम लोग तो रात को दूल्हा देखा खाना खाया और अपने-अपने घर चले गए। लेकिन सुनीता अपने घर जा रही थी।
तभी उसके साथ बहुत बड़ा हादसा हो गया। वह गाड़ी से टकराई और उसका का सिर पट गया और उसकी वहीं पर मृत्यु हुए गई। 4-5 महीना बीतने के बाद जब रीता ने सुनीता को फोन किया तो उसके हाथ पाव सुन पड़ गए। क्योंकि वह फ़ोन सुनीता ने नहीं बल्कि उसकी मां ने उठाया था।
और वह सारी बातें रीता को बता दी। तब मानो रीता के पाव से जमीन ही खिसक गई। वह जोर-जोर से रोने लगी और यह बात अपने ससुराल में सब को बता दी। 2-3 साल बीतने के बाद रीता को सुनीता रात में दिखाई देने लगी।
और बोलने लगी सहेली मेरे पास आ जाओ अकेले नहीं रहा जाता और रीता डर गई। लेकिन सुबह होने पर उसने यह भी बात सबको बताई। लेकिन किसी को विश्वास ही नहीं हुआ कि यह सच बोल रही है।
धीरे-धीरे दिन बीतने लगा और रीता मानो पागल सी हो रही थी। उसको कुछ पता नहीं चलता कि वह क्या कर रही है या फिर क्या करने जा रही है। ससुराल वालों ने परेशान होकर रीता को उसके घर भेजने का मन बना लिया. और अपने बेटे को बुलाकर बोला कि बेटा उसे उसके माईके छोड़ आओ। रीता अपने घर चली गई।
लेकिन रीता वही अपने मायके में भी करना चालू कर दिया। उसकी यह हरकतें देखकर उसके पिता ने सोचा कि उसे किसी पंडित को दिखा देते हैं. और देखते हैं कि पंडित क्या बोलते है। उसके पिता सोच ही रहे थे। दूसरे दिन दोपहर हो गई रीता ने फिर भी अपना दरवाजा नहीं खोला उसके पिता बाहर से आवाज मारने लग गए।
दरवाजा खोलो बेटी में तुम्हारा इलाज जरूर करूंगा. और तुम ठीक हो जाओगी लेकिन अंदर से दरवाजा नहीं खुल रहा था। तब उसके पिता डर गए.और दरवाजा तोड़कर अंदर आ गए। वहां का दश्य देखकर वह बेहोश हो गए।उनके पीछे उनकी पत्नी भी गई।
तो देखा कि रीता पंखे से फांसी लगाकर झूल रही थी। क्योंकि वह मर चुकी थी। तब उसकी मां समझ गई कि मेरी बेटी सच बोल रही थी। आज उसकी सहेली सुनीता उसे बुला ही लिया। आखिर सुनीता मेरी बेटी को लेकर चली ही गई।
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शिमला का वो श्रापित जंगल
आज मैं आप सभी को शिमला के एक श्रापित जंगल के बारे में बताने जा रहा हूं। शिमला शहर में रात को कई घटना होती रहती है। जिससे बचना बहुत मुश्किल है। शिमला के लोग रात के 12:00 बजे के बाद कभी भी घर से बाहर नहीं निकलते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि कभी कुछ हमारे साथ बुरा ना हो जाए। इसलिए कोई भी रात को नही निकलता है।
शिमला में ऐसी कई जगह है जहां ऐसा ही रात का खौफ बना रहता है। जिसके बारे में मैं आप सभी लोगो को इस कहानी में बताने वाला हूं। शिमला में एक जंगल बहुत मशहूर है। सिर्फ दिनों में, पर रातों में उतना ही खौफ है। उनका मानना है कि रात के समय जो भी वहां पर जाता है। तो उसकी मृत्यु होनी पक्की है। वहां के लोगों का मानना है कि जो लोगो की वहाँ पर मृत्यु हो जाती है।
तो उनकी आत्मा वहीं पर भटकती रहती है। इसलिए शिमला का वो जंगल शापित माना जाता है। और दिन में भी जो लोग वहां पर जाते हैं। उनको कभी-कभी लगता है कि हमे कोई हमारे नाम से बुला रहा है। जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं। तो कोई नहीं होता और कभी-कभी तो लगता है कि कोई हमे पीछे से धक्का दे रहा हो
इसलिए दिनों में भी बहुत कम लोग उस जंगल में जाते हैं। क्योंकि वहां पर जाने में सभी लोगो को बहुत डर लगता है। कि हमारे साथ कोई दुर्घटना ना हो जाए। एक समय की बात है। जब हम और हमारे मित्र उस जंगल में घूमने गए थे। तब मेरे मित्र भी उसी जंगल के होके रह गए। तब मेरे मित्र के पिताजी ने उस जंगल पे केस कर दिया था।
और तब से वह जंगल घूमने के लिए वहां की सरकार ने बंद करवा दिया। और आज भी वह जंगल सुनसान रहता है। क्योंकि वहां पर अब कोई नहीं जाता है। आज भी उस जंगल को श्रापित माना जाता है।
जंगल के रास्ते का रहस्य bhoot ki kahani
आज मैं आप सभी को एक बुरी घटना के बारे में बताने जा रहा हूं। एक रात मैं अपने गांव से मेरे मित्र विक्रम के साथ अंधेरी रात मैं जंगल के रास्तों से बस स्टैंड की ओर जा रहा था। तो मेरे मित्र ने बोला कि मित्र इस जंगल से जल्दी-जल्दी चलते हैं वरना समस्या खड़ी हो जाएगी। तो मैंने अपने मित्र से पूछा कि क्या बात है। तो वहां कुछ ना बोल कर बस चले ही जा रहा था।
मैंने उसे दूसरी बार पूछा तो उसने इस जंगल के बारे में बताया। कि लगभग 4-5 साल पहले की बात है। एक आदमी इन्हीं जंगल के रास्तो से रात को गुजर रहा था। जंगल में पेशाब करने के लिए एक पेड़ के नीचे रुक गया।
उसके बाद वह जैसे थोड़ा आगे गया तो उसे किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी। तो उसने सोचा कि कोई औरत अपने बच्चे को लेकर यहां के रास्तों से जा रही होगी। लेकिन तभी उसे याद.
आया कि यह जंगल तो राजवीर काका है। जो 5 साल पहले यहां पर फांसी लगाकर मर गए थे। वह आदमी बहुत डर गया था और उसके दिमाग में गांव वाले लोगों की बातें याद आ रही थी। कि रात के समय उस जंगल के रास्ते पर कोई भी बुलाएं या फिर कुछ भी पूछे तो उसकी तरफ मत देखना और कुछ मत बोलना। यह सब सोचकर उसके पसीने छूटने लगे।
और वह जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा था। तब-तब बच्चे के रोने की आवाज तेज होती जा रही थी। तभी अचानक उसने देखा कि एक छोटा बच्चा पेड़ के नीचे रो रहा है। तो उससे उस बच्चे को रोता देखा नही गया। इसलिए उसने पीछे मुड़ कर देख लिया और उस बच्चे को उठा कर चलने लगा। तभी थोड़ी देर बाद उस बच्चे का वजन बढ़ने लगा।
तब उसने देखा कि अचानक इस बच्चे के हाथ , पाव यहां तक कि उसका शरीर बड़ा हो रहा है। तभी उसने उस बच्चे को जमीन पर गिरा दिया। जैसे ही वह बच्चा गोद से जमीन पर गिरा तो बच्चा बड़े आदमी की तरह जोर-जोर से हस कर बोल रहा था.
कि तू आज तो बच गया अगर मेरे पैर जमीन को छू जाते तो तेरी मौत मेरे हाथों से निश्चित थी। यह कहते ही वह बच्चा गायब हो गया वह इंसान लड़-खड़ा कर अपने घर कैसे-तैसे पहुंचा और उसे जोर से बुखार आ गया था । 3-4 दिन बीतने के बाद उसने यह बात सारे गांव वालों को बताई।
यह कहानी मैं विक्रम के मुंह से सुनकर जंगल के रास्ते से जल्दी-जल्दी बस स्टैंड पर पहुंच गया। उसके बाद से मैं उस जंगल के रास्ते से आना जाना बंद कर दिया। क्योंकि मुझे विक्रम की बात सुनकर बहुत डर लगने लग गया था. yah bhoot ki kahani hai.
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एक औरत की काली जुबान bhoot ki kahani
मित्रों आप लोगों ने काली जुबान शब्द का नाम किसी ना किसी के मुंह से सुना ही होगा। कभी किसी के बोलने से कुछ अपशगुन हो जाए। तो हम उस मनुष्य की जुबान को काली जुबान कहते हैं। और अगली बार से हम उस मनुष्य से दूर रहते हैं। आज मैं आप सभी लोगो को एक ऐसे ही औरतों के बारे में बताने जा रहा हूं।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक छोटे से गांव में एक पायल नाम की औरत रहती थी। उसकी शादी बचपन में उसके मां-बाप ने करा दि थी.और उसके चार बच्चे हैं। उसको उसके ससुराल वाले अपनी बेटी की तरह रखते हैं.और गांव वाले लोग समझते हैं कि इस औरत के अंदर किसी का साया है.और गांव वाले इस औरत से बात नहीं करते है। क्योंकि यह औरत जो भी बोलती है। वह सब सच हो जाता है। पायल की मां बताती है कि जब पायल छोटी थी।
तब उसे उसकी सहेली ने धक्का मारा था और वह गिर गई थी। तभी पायल ने उसे अपनी बद्दुआ दी तो । वह 1 हफ्ते के बाद फांसी लगाकर मर गई और उसकी सहेली का परिवार पायल को डायन कहने लगा। दूसरी घटना तो इससे भी दिल दहेला देने वाला था।
पायल जब अपने दोस्तों के साथ कहीं बाहर घूमने के लिए गई थी। तो उन्होंने वहां पर बहुत मजा किया और जब घर आने का समय हुआ। तो पायल को एक लड़की ने जल्दबाजी में बस से गिरा दिया। तभी पायल ने उसे खींचकर बस के पहियों के नीचे धकेल दिया। तब से उसकी सारी सहेलियां भी उसे डायन कहने लगी और उसके परिवार वाले उससे घबराने लगे। तभी परिवार वालों ने सोचा कि पायल की शादी करा देते हैं।
और शादी के बाद पायल का पति किसी और के दुकान में काम करता था। पायल को उसका पति माताजी के मंदिर ले जाता था। क्योंकि उसे लगता था कि इसके अंदर कोई भी बुरा साया हो तो वह निकल जाए। पायल आज भी किसी को उल्टा बोल देती है।
तो वह बात सच हो जाती है। वरना वह ज्यादा तर चुप ही रहती है क्योंकि उसे डर है कि कभी मेरे मुंह से कोई गलत शब्द ना निकल जाए और मेरे परिवार वाले लोगों को नुकसान पहुंचा जाए।
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भूत की कहानी हिंदी में। बहुत से लोग भूत प्रेत को मानते है. और बहुत से लोग भूत प्रेत को नहीं मानते है। वह कहते है बहुत प्रेत मन का भ्रम है और कुछ नहीं। यहाँ पर हमने बहुत अच्छे भूत की कहानिया( bhoot ki kahani in hindi) लेखी है आप को कैसे लगी।
ध्यान दें: यह सब कहानी काल्पनिक है। इन कहानी से किसी भी व्यक्ति और स्थान से कोई सबंध नहीं है।