इस कहानी को बहुत ही लम्बे समय से पढ़ा और सुनाया जाता है। इस कहानी का सीख भी बहुत अच्छी है। बिल्ली के गले में घंटी की कहानी (billi ke gale mein ghanti ki kahani ) को सभी को पढ़ना चाहिए।
बिल्ली के गले में घंटी की कहानी बहुत ज्यादा ज्ञान की कहानी है।
इस कहानी में चूहे बिल्ली से बचने के लिए एक योजना बनाते है। उनकी योजना होती है कि वह बिल्ली के गले में घंटी (billi ke gale mein ghanti) को बाध देंगे।
जिससे जब भी बिल्ली उसके पास आएगी तो घंटी बजेगी और चूहे भाग खड़े होंगे। चलिए कहानी को पढ़ते है।
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बिल्ली के गले में घंटी

कही दूर कभी एक बड़ा-सा एक घर हुआ करता था। उस घर कुछ समय से कोई भी इंसान नहीं रहता था।
वह घर पूरी तरह से खाली था। घर खाली होने के कारण चूहों ने अपना बसेरा बना लिया। कुछ समय के बाद ही उस घर में रहने के लिए कुछ इंसान आए।
वह इंसान को यह चूहे काफी ज्यादा परेशान करते थे। चूहे अच्छे से अच्छे कपडे को काट दिया करते थे।
इसके साथ ही पुरे दिन उस घर में घुमा करते थे। एक दिन उस घर का मालिक उस घर में एक बिल्ली लेकर आता है।
यह बिल्ली कुछ चूहों को मार कर खा जाती है। इसके कारण सभी चूहे काफी ज्यादा डर जाते है।
वह सब एक बिल में छुप जाते है। वह सब सोचने लगते है कि आखिर कैसे इस बिल्ली से छुटकारा पाया जा सके।
सारे चूहे काफी देर तक सोचते है और अपना-अपना विचार कहते है। उनमे से ही एक चूहा कहता है कि अगर बिल्ली के गले में घंटी होगा तो जब भी बिल्ली हमारे पास आएगी तो हम घंटी की आवाज को सुनकर भाग जाएगे।
इस विचार से सभी चूहे बहुत ही खुश होते है। सारे चूहे उस चूहे की तारीफ का पूल बढ़ाते है। मुख्या चूहा कहता है, पर बिल्ली के गले में घंटी कौन और कैसे बाधेगा।
यह सुनते ही सारे चूहे बिलकुल ही शांत हो जाते है और एक दूसरे का मुँह देखने लगते है। तभी उन्हें बिल्ली की आवाज सुनाई देती है। इससे वह डर कर छुपाने लगते है, और यह कहानी यही ख़त्म हो जाती है।
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बिल्ली के गले में घंटी की कहानी (billi ke gale mein ghanti ki kahani ) से हमें यह सीख मिलती है कि ऐसा योजना किस काम का जिसको पूरा ही न किया जा सके।
दूसरे शब्दों में ऐसी योजना किसी काम की नहीं होती है जो असंभव हो।
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