कार्पल टनल सिंड्रोम क्या है – Carpal Tunnel Syndrome
कार्पल टनल सिंड्रोम की स्टेज कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण कार्पल टनल सिंड्रोम के जोखिम कारक कार्पल टनल सिंड्रोम की रोकथाम कैसे करें कार्पल टनल सिंड्रोम का निदान कार्पल टनल सिंड्रोम का इलाज जीवन शैली में सुधार कर बचें कार्पल टनल सिंड्रोम से सर्जरी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें और समस्याएं सर्जरी का वैकल्पिक उपचार
जब किसी भी व्यक्ति के जोड़ों जैसे के हाथों के कलाई में को मोड़ने में समस्या होती है। तब आपको कार्पल टनल सिंड्रोम की जांच कराने नहीं अनिवार्य है। क्योंकि इस बीमारी में हाथ में दर्द और जलन , रात के समय कलाई में दर्द मांसपेशियों की कमजोरी कलाई में दर्द अधिकतर सभी हाथों से संबंधित बीमारियां होती हैं उंगलियों में सुन्नता रहती है। कुछ पता नहीं चलता कि उस में ठंडा गरम आप जो भी द्रव्य पदार्थ खा रहे हैं कि उसको समझ नहीं पाते हैं कि ठंडा है अथवा गर्म। यह सारे सिस्टम तब होते हैं जब आपको और पर कार्पल टनल सिंड्रोम की बीमारी होती है। यह बीमारी अधिकतर उन लोगों को होती है जो कि ज्यादातर हाथ से कोई काम करते हैं जैसे कि – कंप्यूटर का काम ड्राइवर, दुकानदार या फिर मजदूर आदि को यह बीमारी होती है। यदि आप यह जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं कि इस Carpal Tunnel Syndrome के अंतर्गत क्या-क्या होता है ?और इसका इलाज क्या है? तथा इसके लिए क्या-क्या जांच करानी चाहिए ? इसके लिए हमारे इस लेख को पढ़ें और कपड़ों से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करें।
कार्पल टनल सिंड्रोम बीमारी क्या है ?
Carpal Tunnel Syndrome अधिकतर इन लोगों को होती है जो के हाथों से काम करते हैं। इसका मुख्य कारण यह होता है कि वह होगी जो कि इस बीमारी से पीड़ित हैं उनके मीडियम नर्व पर दबाव पड़ता है यह एक नस होती है जो कि कलाई से कंधे तक जाती है। जब व्यक्ति कोई भी लगातार कार्य करता है तब लगातार इस पर दबाव बढ़ता रहता है और काम के लगातार होने पर एक स्थिति ऐसी आती है जब इस पर बहुत अधिक दबाव पड़ने लगता है। ऐसे में मीडियम नर्व की क्षमता को नियंत्रित करती है वह क्षमता कम होती जाती है जिसकी वजह से यह हाथों में सुन्नता रहती है और हाथों में दर्द रहता है। किसी भी अभाव का हाथों से पता नहीं चलता है और हाथों में दर्द रहने लगता है।
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Carpal Tunnel Syndrome के लक्षण
कार्पल टनल सिंड्रोम से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को उस हाथों में दर्द, सुन्नपन या फिर पिन व सुई जैसी चुभने का अनुभव होता है। जहां-जहां से मीडियन नर्व गुजरती है।वहाँ अंगूठा, तर्जनी, बीच वाली उंगली और रिंग फिंगर का आधा भाग अदि में सूजन तथा दर्द होता है।
कार्पल टनल सिंड्रोम का इलाज कैसे होता है ?
यदि किसी व्यक्ति को कार्पल टनल सिंड्रोम रोग का पता चलता है, तब उसके लिए उपचार के कई विकल्प होते हैं। इसे आप गैर-सर्जिकल और सर्जिकल विकल्पों दोनों तरह से हो सकता है। इस स्थिति में आप स्थिति के हिसाब से उचित इलाज कर सकते है। लेकिन गैर-सर्जिकल उस स्थिति में सही होता है जहां रोगी में सीटीएस का कम गंभीर रूप से सक्रिय होता है।
बिना सर्जरी के होने वाले इलाज निम्नलिखित इस प्रकार है कि जिसको आप अपनी स्थिति के अनुसार अपना सकते हैं।–
फिजियोथेरेपी और एक्सरसाइज :
यदि रोगी को इस रोग का पता चलता है तब उसे सीटीएस के इलाज हेतु विशेष एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है, जिसमें मांसपेशियों को टोन करना सिखाया जाता है।जिसके माध्यम से दिखने वाले लक्षणों की गंभीरता को कम किया जा सके। इस एक्सरसाइज का उद्देश्य कार्पल टनल को फैलाना होता है ताकि प्रभावित नर्व के लिए कुछ जगह बनाई जा सके।
स्प्लिंट्स:
यदि आपको यह परेशानी है तब आप कलाई को सहारा देने हेतु विशेष रूप से रात के समय ब्रेसेस और स्प्लिंट्स प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
स्टेरॉयड इंजेक्शन:
ये इंजेक्शन सूजन को कम कर अस्थायी रूप से लक्षणों को कम करने में मदद करते है। इस इंजेक्शन के माध्यम से स्थायी या लंबे समय तक टिकने वाले उपचार के रूप में नहीं देखा जाता है। यह केवल कुछ समय तक सूजन दर्द कम करता है।
उपरोक्त लिखित उपचारों के माध्यम से आप गैर सर्जरी तौर से अपनी इस रोग से छुटकारा पा सकते हैं। परंतु यह बहुत अधिक समय तक नहीं चलेगा यह केवल स्थाई रूप से आपको कोई भी लाभ नहीं देगा। यह केवल कुछ समय के लिए आपको लाभ दे सकता है। कुछ समय के लिए आप के दर्द या सूजन को रोक सकता है यह स्थाई इलाज नहीं है परंतु यदि आप निम्नलिखित सर्जरी तरीको को अपनाएगा वह स्थायी रूप से आपका उपचार कर सकते है।
सर्जरी के माध्यम से किया जाने वाला इलाज-
सर्जिकल तरीके से कार्पल टनल रिलीज करना इस सर्जरी के माध्यम से ओपन सर्जरी होती है ,इसे एंडोस्कोपी कहते हैं। इस सर्जरी में नर्व को अधिक स्थान देने हेतु रेटिनाकुलम को अलग – अलग किया जाता है। यह सर्जरी उन रोगियों की जाती है जिन पर दूसरा कोई उपचारकाम नहीं करते हैं। तब सर्जिकल तरीके से Carpal Tunnel Syndrome रिलीज करना समस्या का एकमात्र स्थायी समाधान है। परंतु यदि आप यह उपचार लेते हैं तब आपको एकदम सही इसका लाभ नहीं दिखाई देगा इस उपचार के लगभग 2 से या 3 महीने बाद धीरे-धीरे इस उपचार का आपको लाभ दिखाई देगा। परंतु इस उपचार के बाद में आपको कुछ तथ्यों का ध्यान रखना होगा जैसे कि आपको डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही अपने अंगों को काम में लाना होगा। इसके लिए आपको जिस डॉक्टर से आपने परामर्श किया है उससे इलाज के बाद एक बार मिल लेना अनिवार्य है।
सर्जरी से ठीक होने में ज्यादा समय नहीं लगता है। सर्जरी के कुछ दिन बाद ही डाक्टर के माध्यम से टांके हटा दिए जाते हैं।इस सर्जरी के बाद टांके हटाने के लगभग 14 दिनों बाद आपको अपनी संबंधित समस्या के लक्षणों से राहत मिल जाती है। अधिकांश व्यक्ति अच्छी तरह से ठीक हो जाते हैं और लगभग 6 सप्ताह के बाद आप अपनी सामान्य गतिविधियां फिर से शुरू कर सकते हैं।
सर्जरी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें और समस्याएं
यदि आपको बहुत लंबे समय से यह बीमारी थी और उसके पश्चात आपने सर्जरी कर इस बीमारी का इलाज कराया है। ऐसे में आपको सर्जरी के बाद भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। अतः इस स्थिति में आपको डॉक्टर से लगातार परामर्श की आवश्यकता है और डॉक्टर से डॉक्टर को कुछ समय बाद दिखाना अनिवार्य है जिसके माध्यम से यदि आपको कोई समस्या है। तब डॉक्टर आपको उसके बारे में अवगत कराएगा और आप समय से पहले स्थिति बिगड़ने से पहले ही उसका उपचार करा सकते हैं।