बेस्ट 20 कहानी और कहानियां हिंदी में सीख के साथ बच्चों के लिए
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बुद्धि का महत्व kahani hindi mein
Kahani Hindi Mein
एक बुद्धिमान राजा था। उसका काफी बड़ा साम्राज्य था। उसके राज्य में प्रजा हर तरह से खुशहाल थी। राजा को अपने उत्तराधिकारी की तलाश थी।
उसके तीन बेटे थे। राजा इस पुरानी परंपरा को नहीं निभाना चाहता था कि सबसे बड़े बेटे को ही गद्दी पर बिठाया जाए। वह सबसे बुद्धिमान और काबिल बेटे को सत्ता सौंपना चाहता था।
इसलिए राजा ने उत्तराधिकारी के लिए तीनों की परीक्षा लेने का फैसला किया।
राजा ने तीनों बेटों को अलग-अलग दिशाओं में भेजा। उसने हर बेटे को सोने का एक-एक सिक्का देते हुए कहा, कि वे इसे ऐसी चीज खरीदें, जो पुराने महल को भर दे।
पहले बेटे ने सोचा कि पिता तो सठिया चुके हैं। इस थोड़े से पैसे से इस महल को किसी चीज से कैसे भरा जा सकता है। इसलिए वह एक मयखाने में गया, शराब पी और सारा पैसा खर्च डाला।
राजा के दूसरे बेटे ने इससे भी आगे सोचा। वह इस नतीजे पर पहुंचा कि शहर में सबसे सस्ता तो कूड़ा कचरा ही है। इसलिए उसने महल को कचरे से भर दिया।
तीसरे बेटे ने दो दिन तक इस पर चिंतन मनन किया कि महल को सिर्फ एक सिक्के से कैसे भरा जा सकता है। वह वाकई कुछ ऐसा करना चाहता था, जिससे पिता की उम्मीद पूरी होती हो।
उसनें मोमबत्तियां और लोबान की बतियां खरीदी और फिर पूरे महल को रोशनी और सुगंध से भर दिया। इस तीसरे बेटे की बुद्धिमानी से खुश होकर राजा ने उसे अपना उत्तराधिकारी बनाया।
इस हिंदी कहानी से हमें यह सीख मिलता है कि बुद्धि से कुछ भी पाया जा सकता है .
kahani in hindi को पढ़ने का एक अलग मजा होता है। जब कोई kahani hindi mein को पढ़ता है तो वह कहानी को अच्छे से समझ पता है लेकिन जब कोई इंग्लिश कहानी को पढ़ता है तो उसे समझने में परेशानी होता है।
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इलाज kahani in hindi
एक राजा मोटापा बढ़ने की वजह से बीमार पड़ गया। डॉक्टरों ने उसे सलाह दी कि वह खाना कम कर दे तो मोटापा घट सकता है। डॉक्टरों की इस सलाह से राजा गुस्सा हो गया।
राजा ने ऐलान किया की जो भी उसका अच्छा इलाज करेगा, उसे बड़ा इनाम दिया जाएगा। लेकिन इसमें एक शर्त थी। जो भी इस कार्य में सफल न रहेगा, उसका सिर कलम कर दिया जाएगा।
ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की कि राजा का जीवन अब एक महीने का और बचा है। यह जानकर राजा डर गया और परेशान रहने लगा।
जिस ज्योतिषी ने यह भविष्यवाणी की थी, उसे महीने भर के लिए जेल में डाल दिया गया, ताकि यह देखा जा सके कि उसकी भविष्यवाणी में कितना दम है।
राजा बहुत डरा हुआ था। उसने खाना पीना भी बहुत कम कर दिया और महीने भर के भीतर ही उसका वजन काफी गिर गया। इसके बाद राजा ने जेल से ज्योतिषी को बुलाया और कहा, “आप क्यों नहीं मुझे तुम्हारा सिर कलम कर देना चाहिए”।
इस पर ज्योतिषी बोली कि “अपने को शीशे में देखिए कि आप अब कितने स्वस्थ हो गए हैं”। अपने को स्वस्थ और दुबला काया देखकर राजा का आश्चर्य का कोई ठिकाना न रहा।
तब ज्योतिषी ने राजा से कहा कि असल डॉक्टर तो मैं ही था। मौत के बहाने मैंने आपको डरा दिया था, ताकि आप खाना कम कर दे और स्वस्थ हो जाए।
ज्योतिषी की यह बात सुनकर राजा बहुत ही खुश हुआ और उसे इनाम दिया। साथ ही वादा किया कि वह अब कभी भी खाने-पीने में अति नहीं करेगा।
kahani hindi mein को पढ़ें और सुनना बहुत ही पुराने समय से चला आ रहा है। अब तो बच्चे भी हिंदी कहानी को कार्टून में देख सकते है। वैसे YOUTUBE पर बहुत से हिंदी कहानी के कार्टून मौजूद है।
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आप की जरूरत- hindi kahani
एक व्यक्ति था। उसके गुरु एक सन्यासी थे। वह व्यक्ति दुनिया दारी से ऊब सा गया था। वह अपने गुरु की तरह ही दुनियादारी छोड़कर सन्यासी बना चाहता था।
उसने अपने परिवार को यह बात बताई तो सभी ने मना कर दिय। यह कहते हुए की हम सब आपसे बहुत प्यार करते है।
फिर उसने अपने गुरु को यह बात बताई परंतु साथ ही कहा कि उनका घर-परिवार बच्चे और पत्नी उसे सन्यास लेने नहीं दे रहे हैं क्योंकि वह मुझसे बेहद प्यार करते हैं।
गुरु ने कहा “यह किसी सूरत में प्यार नहीं है”। गुरु ने उसे बहुत समझाया पर वह व्यक्ति नहीं मान रहा था। फिर गुरु ने कहा, “अच्छा ठीक है”। गुरु जी उस व्यक्ति को मठ में ले गए।
इसके बाद गुरु ने उसे योग विद्या सिखाई जिससे वह अपनी सांसे रोक कर मुरदे जैसी अवस्था में घंटो तक रह सकता था। यह सब सिखाने के बाद गुरु ने उसे एक योजना बताई और उसे घर भेज दिया।
दूसरे दिन वह व्यक्ति अपने घर पर मुर्दा पाया गया। परिवार के सारे लोग इकट्ठे हो गए। सभी रो रहे थे। विलाप कर रहे थे। वही उसकी पत्नी सबसे ज्यादा दुखी हो रही थी।
पूरे घर में कोहराम मच गया था। सभी की आंखे नम थी। वह व्यक्ति मुर्दा अवस्था में था, मगर योग अभ्यास से आसपास के माहौल को महसूस कर सकता था और सुन सकता था।
उसे बड़ा सुकून मिला कि उसका परिवार उसे कितना प्यार करते हैं, अंतत: उसने संन्यास का इरादा त्यागने का फैसला कर लिया।
कुछ ही देर बाद उस व्यक्ति के गुरु वहाँ पहुंचे। गुरु ने सभी को शांत किया। और अपने शिष्य के पड़े शव को देखा।
कुछ देर शव को देखने के बाद उसके परिवार वालो को कहा इस शव में जान फुका जा सकता है। इस व्यक्ति को मैं अपनी विद्या से जिंदा कर सकता हूँ।
यह बात सुनकर घर के सभी लोग बहुत खुश हो गए। सभी को एक उम्मीद की किरण नजर आ रही थी।
फिर सभी ने उस सन्यासी से कहा “तो आप यह काम जल्द से जल्द करिये”। इस पर उस सन्यासी ने कहा “एक समस्या है, इस कार्य लिए परिवार के किसी अन्य सदस्य को अपनी प्राण त्यागना होगा।
यह सुन कर सभी लोगों की सांसे रुकी की रुकी रह गई। सभी ने एक दूसरे को देखा। सन्यासी ने परिवार के सभी सदस्यों से एक एक कर पूछा पर किसी ने भी हां नहीं कहा।
सभी ने अपनी जान की जरूरत बताई और अपनी जिम्दारी भी।
सन्यासी ने फिर उस व्यक्ति के पत्नी से कहा, अगर यह नहीं रहे तो तुम कैसे जियोगी। उसकी पत्नी ने तुरंत जवाब दिया मैं इनके बगैर भी जी लुंगी।
गुरु ने उस व्यक्ति के बच्चों से भी यही सवाल किया। उनका भी जवाब न ही थी। फिर यही सवाल उस व्यक्ति के माता-पिता से किया। उनका भी जवाब एक ही था।
इसके बाद गुरु उस व्यक्ति के शव के पास आए और बोले हे व्यक्ति तुम उठ खड़े हो जॉव। वह व्यक्ति उठ कर बैठ गया।
फिर उसके गुरु वहाँ से जाने लगे। उसने अपने गुरु को रोका और गुरु से कहा, “मैं भी आपके साथ चलता हु”।
अब उस व्यक्ति को समझ में आ गया था कि उसकी जरूरत उसके घर में कितना है। अब वह एक पल भी अपने घर में रहना नहीं चाहता था।
इस kahani hindi mein से हमें यह सीख मिलता है कि आप के होने न होने से किसी पर ज्यादा कुछ असर नही पड़ता है.
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बंदर और गिलहरी का याराना
बहुत समय पहले की बात है । एक जंगल में एक बंदर और गिलहरी रहते थे। एक दिन बंदर पेड़ पर बैठा था। उसकी पूँछ बहुत लंबी थी । इतनी लंबी थी कि वह जमीन तक लटक रही थी।
बंदर मजे से पेड़ पर बैठा था। गिलहरी जमीन पर उछल–कूद कर रही थी। तभी उसे लटकती पूँछ दिखाई दी। वह पूंछ पर चढ़ गई और झूलने लगी। उसे बड़ा मजा आ रहा था।
गिलहरी के झूलने से बंदर को गुदगुदी होने लगी । उसने नीचे की ओर देखा। उसे पूँछ पर गिलहरी दिखाई दी।
वह हँसकर बोला- “गिलहरी! तुम मेरी पूँछ पर क्यों झूल रहो हो? मुझे गुदगुदी हो रही है।”
गिलहरी ने यह सुनकर ऊपर की ओर देखा। उसे बंदर दिखाई दिया। वह बोली- बंदर महाराज! यह आप हो? मैंने तो पूँछ को झूला समझा था।
मैं तो झूला झूल रही थी। मुझे इसमें बड़ा मज़ा आ रहा था।
यह सुनकर बंदर हँसने लगा। गिलहरी भी पूँछ को छोड़कर पेड़ की डाली पर चढ़कर बंदर के साथ बैठ गई और दोनों की गहरी दोस्ती हो गई।
कहानी से सीख- हमें आपस में हमेशा प्रेम से रहना चाहिए।
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Nice Story …
कुसुम – एक अनसुलझी पहेली
बहुत अच्छी कहानी है।