बेस्ट मोटिवेशनल स्टोरी हिंदी में | Best Motivational Story in Hindi

सफलता के रास्ते में बहुत सी कठिनाइयां आती है। हम अकसर इतने आलसी हो जाते है कि हमारे अंदर कोई मोटिवेशन ही नहीं होता है। अपने काम को करने के लिए।

अब फिर से अपने मोटिवेशन को बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका होता है। मोटिवेशनल कहानी (Motivational kahani) को पढ़ना। यहाँ पर हमने कुछ अच्छी मोटिवेशनल स्टोरी हिंदी में (Motivational Story in Hindi) लिखी है। जिसको पढ़ने के बाद आपका भी मोटिवेशन बढ़ जाएगा।

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एक कहानी Motivational Story in Hindi

Best Motivational Story in Hindi
Best Motivational Story in Hindi

प्राचीन लोक कथा के अनुसार, किसी गांव में एक किसान रहता था। उस किसान के खेत में एक नुकीला पत्थर था।

किसान को इसकी वजह से कई बार चोट लग जाया करता था, कई बार उसके औजार भी खराब हो जाया करते थे।

वह किसान सोचता था कि ये एक चट्टान है और इसे निकाल पाना संभव नहीं है। इसी तरह बहुत समय तक किसान उस पत्थर से बचकर काम करने की कोशिश करता रहा, लेकिन जब भी वह थोड़ा सा लापरवाही करता, तो किसान को नुकसान हो जाता था।

कुछ समय बाद एक दिन किसान फिर से उस खेत में काम कर रहा था। वह खेत में हल चला रहा था, तभी उस पत्थर की वजह से उसके हल की नोंक टूट गई।

ये देखकर किसान को काफी गुस्सा आ गया। उसने सोचा कि आज जो भी हो इस चट्टान को निकाल कर ही रहूंगा।

किसान ने गांव से अपने कई मित्रों को बुला लिया। सभी लोग उसके साथ मिलकर चट्टान को निकालने के लिए तैयार हो गए।

किसान ने जैसे ही उस पत्थर पर दो-तीन बार फावड़ा मारा, वह पत्थर बाहर निकल गया। ये देखकर सभी हैरान हो गए।

मित्रों ने किसान से कहा कि तुम तो कह रहे थे कि बड़ी चट्टान है, लेकिन ये तो छोटा सा पत्थर है। किसान भी सोच रहा था कि इस छोटे से पत्थर की वजह से कितनी परेशानियों का सामना कर रहा था। इसे पहले ही निकाल देना चाहिए था।

इस कथा की सीख यह है कि कभी-कभी हमारे जीवन में समस्या छोटी सी होती है, लेकिन हम अपने विचारों में उसे बहुत बड़ा मान लेते हैं और उससे बचने की कोशिश करते रहते हैं।

इसीलिए किसी भी समस्या से दूर नहीं भागना नहीं चाहिए, उस समस्या का सामना करेंगे तो वह समस्या जल्दी से जल्द हल हो सकती है।

सोच की तक motivational story

एक बार की बात है। किसी गाँव में दो लड़के रहते थे। पहले लडके की उम्र करीब 13 साल और दूसरे लडके की उम्र 8 साल थी।

वह दोनों काफी अच्छे दोस्त थे। वह दोनों हर काम एक साथ करते थे। एक दिन वह दोनों पतंग उड़ाते हुए गांव से बाहर निकल पड़े।

उन दोनों में से बड़ा वाला लड़का एक कुँए में जा गिरा। यह देख कर छोटा वाला लड़का भौचक्का रह गया।

उसने इधर उधर देखा और मदद के लिए काफी चिल्लाया पर किसी को उसकी आवाज नहीं सुनाई दे रही थी।

उस लडके ने उस कुँए के पास एक बालटी में बंधी रसी देखी। उसने तुरंत उस बालटी को कुए में डाला और अपने दोस्त से कहा, भाई तुम इस बाल्टी में बैठ जाओ। मैं तुम्हे ऊपर घिचता हु।

उस छोटे बच्चे ने अपने से बड़े बच्चे को कुए से घिच कर बहार निकाल दिया। वह दोनों गले मिले और गांव चले गए।

दोनों ने यह बात अपने घर में बताया पर किसी ने भी इस पर विश्वास नहीं किया। यह बात गाँव के एक बुजुर्ग को पता चला। वह बुजुर्ग बहुत ही ज्ञानी और समझदार थे। उन्होंने दोनों बच्चो को बुलाया और सारी बाते समझी।

गाँव वाले भी उन बुजुर्ग के पास पहुंचे और इस बात के बारे में पूछा। उस बुजुर्ग ने कहा, यह दो पूरी बात बता तो रहे है।” गांव वालो ने कहा यह कैसे हो सकता है?

उस बुजुर्ग ने गाँव वालो को समझाते हुए कहा, इस छोटे बच्चे ने अपने से बड़े बच्चे को इस लिए कुँए से बाहर घिच लिया क्योंकि उसके आस पास कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था. जो इस बच्चे को ये कहे तुम यह नहीं कर सकते हो। यह सुनकर गांव एकदम मौन हो गए।

विश्वास की ताकत

एक दूधवाली रोजाना एक मंदिर के पुजारी को दूध दिया करती थी। वह नदी के उस पार से आती थी, इसलिए उसे अक्सर देर हो जाया करता था।

एक दिन पुजारी ने उसे फटकारते हुए पूछा कि आए दिन उसे देर क्यों हो जाती है? इस पर वह बोली, मैं कर ही क्या सकती हूं? मैं तो घर से जल्दी ही निकलती हूं।

लेकिन नदी के किनारे मुझे नाववाले और दूसरे यात्रियों का इंतजार करना पड़ता है।

इस पर पुजारी ने कहा, हे स्त्री, लोग तो भगवान का नाम लेकर समुंद्र तक पार कर जाते हैं और तुम एक छोटी-सी नदी भी पार नहीं कर सकती?

दूधवाली बहुत ही सीधी-सादी औरत थी। नदी पार करने को लेकर पुजारी ने जो बात कही, वह उसे अच्छी लगी। अगले दिन से वह दूध समय पर लाने लगी।

एक दिन पुजारी ने पूछा कि अब कई दिनों से तुम समय पर कैसे आ पा रही हो. दूधवाली बोली, जैसे आपने मुझे बताया था, वैसे ही ईश्वर का नाम लेते हुए रोजाना नदी पार करते हुए आ जाती हूं, अब मुझे नाववाले का इंतजार नहीं करना पड़ता।

दूधवाली की इस बात पर पुजारी को विश्वास ही नहीं हो रहा था। उसने कहा, क्या तुम मुझे दिखा सकती हो कि कैसे नदी पार करती हो? वह पुजारी को अपने साथ नदी की ओर ले गई।

उसने पानी पर चलना शुरू कर दिया। उसने पीछे मुड़कर देखा कि पुजारी की हालत खराब हो रही है।

महिला ने कहा, आप तो भगवान का नाम ले रहे हैं, लेकिन साथ ही अपने कपड़ो को पानी में भीगने से भी बचा रहे हैं? क्या आपको ईश्वर पर भरोसा नहीं है।

सफलता पाने का केवल एक उपाय है धैर्य, बुद्धि और मेहनत। धैर्य, बुद्धि और मेहनत से हर व्‍यक्ति सफल हो सकता है। चाहे जैसा भी कार्य हो धैर्य, बुद्धि और मेहनत के साथ करो।

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यहाँ पर हमने आपके लिए ही मोटिवेशनल कहानी लिखी है। जो कहानी आपको हद से ज्यादा मोटीवेट करेगी। सफल होने के लिए।

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