छात्रों के लिए प्रेरक कहानी | Motivational story for student in hindi

Motivational story for student in hindi. पढ़ाई के समय मोटिवेशन की भी जरूरत होती है। पढ़ाई करने के दौरान हम पढ़ाई से थक भी जाते है।

जिसके कारण हम पढ़ाई नहीं कर पाते है। इसके साथ ही पढ़ाई से ध्यान भी हट जाता है। इसलिए हम छात्र को मोटिवेशन की जरूरत होती है।

यहाँ हम हमने छात्र के लिए मोटिवेशन स्टोरी लिखा है। इस मोटिवेशन कहानी को पढ़ा करके हर एक छात्र का मोटिवेशन बहुत हद तक बढ़ जाता है। चलिए हम इस सभी कहानी को पढ़ते है।

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डीएम बनने का सपना -Motivational story for student in hindi

एक बार की बात है। किसी गांव में एक लड़का रहा करता था। उस लड़के की उम्र करीब 15 साल की थी। उसके पिता एक किसान थे। वही उसकी माँ अपने घर के काम के अलावा दूसरों के घर का काम किया करती थी।

इस लड़के का नाम राकेश था। राकेश अभी एक छात्र था। वह भी हाई स्कूल में पढ़ रहा था। इधर पुरे देश में विकास हो रहा था लेकिन उसके गाँव में विकास नहीं हो पा रहा था।

इसका कारण उसके गांव के कुछ अधिकारी थे। उनके कारण ही गांव के सड़के नहीं बन पा रही थी। जब भी बरसात का मौसम आता था।

तो राकेश के पिता को नदी पार कर अपने घर से खेत की ओर जाना पढता और खेत से नदी पार करके घर आना होता था।

गांव में रहने वाले बहुत से लोगों ने कोशिश तो किया कि गांव का सड़क बन जाए लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा था। एक बार गांव के ही एक व्यक्ति का लड़का शहर से पढ़ाई करके आया।

उसने जब गांव में विकास न होते हुए देखा तो वह सीधे जिले के डीएम के पास गया। अगले दिन राकेश क्या देखता है कि गांव में कुछ गाडी एक दूसरे की पीछे आ रही है।

हर गाडी के ऊपर बल्ब लगी थी और आवाज करने के लिए स्पीकर। उस गाड़ी के काफिला के बिच में एक गाड़ी थी, जिस गाड़ी में उस जिला के डीएम बैठे थे।

डीएम अपनी गाड़ी से उतरे। उनके सामने वह लोग भी हाजिर हो गए जो अपना काम सही से नहीं कर रहे थे। डीएम ने उन्हें बहुत कुछ कहा।

अगले दिन ही सड़क बनने लगा। इसके साथ ही उस नदी के ऊपर पुल भी बनने लगा। जिस नदी को पार करके राकेश के पिता अपने खेत में जाया करते थे।

अब राकेश को समझ में आ गया कि उसे भी पढ़ कर डीएम ही बना चाहिए। उसके दिमाग में था कि अगर वह डीएम बन जाएगा तो वह अपने गाँव की तरह दूसरे गांव का विकास कर सकता है।

उसने पढ़ाई में खूब मेहनत की। उसके 10 में सिर्फ 75% ही आए। फिर भी उसने हिम्मत को नहीं छोड़ा। वह अगले परीक्षा की तैयार करने लगा।

यहाँ पर उसकी मेहनत उसकी साथी बनी। उसने 12 में 90% हासिल किया। फिर भी वह न तो खुश हुआ और न ही उदास।

अभी वह कॉलेज में जानने वाला ही था कि उसके पिता का एक पैर एक दुर्घटना में ख़राब हो गया। इससे वह अंदर से टूट जाता है।

अब उसके कंधे पर घर को चलाना भी था और पढ़ाई को करना भी था। अब वह कॉलेज नहीं जा पाता है। वह अपने गांव में रह कर ही खेती करता है।

करीब दो साल इसी तरह से बीत जाते है। अब वह लड़का अपने गाँव का काफी अमीर व्यक्ति बन चूका होता है। इसका कारण उसकी कड़ी मेहनत थी।

जब सभी लोग अपने खेत से काम करके चले आते थे तभी वह अपने खेत में काम किया करता था। इसके साथ ही वह और दूसरे काम भी क्या करता था। वह रात को पढ़ाई भी किया करता था।

अब वह अपने गांव को छोड़ कर शहर की ओर जाता है। वह शहर पढ़ाई करके डीएम बनने के लिए जा रहा था। उसके पास इतना पैसा था कि उसके माता-पिता और वह खुद करीब 5 साल तक बिना कोई काम करे खा सकते थे।

पर वह कहते है न कि सफलता मिलाना इतना आसान नहीं होता है।

राकेश खूब मेहनत से पढ़ाई करता है। पर वह पहली बार सफल नहीं हो पाता है। अब उसे 5 साल के स्थान पर 7 साल लगने वाले थे।

वह कुछ दिन इसको सोच कर काफी परेशान रहता है। लेकिन अपनी पढ़ाई को बंद नहीं करता है। अब वह अपनी पढ़ाई में दुगनी मेहनत करने लगता था।

इधर उसकी घर का सारा पैसा ख़त्म हो जाता है। अब उसके घर वालो के पास खाने-पीने के लिए कुछ नहीं था। उनकी सारी जमीन गिरवी रखी जा चुकी थी।

मानो उसके घर आफत आ चुकी थी। राकेश के माता-पिता को दो दिन पर भी कुछ खाने को नहीं मिलता था। इधर राकेश अपनी पढ़ाई में खूब मेहनत कर रहा था।

एक दिन राकेश के गाँव में फिर से कुछ गाडी आती है। जो काफी आवाज कर रही थी। यह गाड़ी राकेश के घर के दरवाजे पर रुकती है।

उस गाड़ी से एक लड़का उतरता है और राकेश के माता-पिता के पैर को चूमता है। वह लड़का और कोई नहीं बल्कि राकेश ही था।

अब तक गांव के सभी लोग वहां आ गए। सभी देख का हैरान थे कि राकेश अब एक डीएम है।

यह कहानी (Motivational story for student in hindi) यहीं खत्म होती है। सफलता के रास्ते में बहुत सी मुश्किलें आती है। पर वही इंसान सफल हो पाता है। जो इन मुस्किलो का सामना करता है और आगे बढ़ता है।

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कड़ी मेहनत की पढ़ाई | छात्रों के लिए प्रेरक कहानी

Motivational story for student in hindi
Motivational story for student in hindi

एक लड़का था। वह पढ़ाई में उतना सही नहीं था। उसकी पढ़ाई को देखकर उसके टीचर को लगता था कि वह अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा।

पर उस लड़के के अंदर एक खासियत थी। वह किसी मशीन को खोलता और उसे बनाने की कोशिश करता था। पर जानकारी कम होने के कारण वह हर एक मशीन को बनाने के स्थान पर बिगाड़ देता।

उस लड़के की यह खासियत उसके बड़े भाई अच्छे से जानते थे। धीरे-धीरे समय गुजरता है। वह लड़का 10 में सिर्फ 70% ही प्राप्त करता है।

इसको देखकर उस लड़के के टीचर फिर से कहते है कि यह कुछ नहीं कर सकता है। लेकिन उसके बड़े भाई इसको समझाते है। अब उस लड़के को समझ में आ जाता है कि उसकी खासियत क्या है।

वह तय करता है कि वह आने वाले 2 साल तक कोई मशीन नहीं बनाएगा और बस वह पढ़ाई ही करेगा। चुकि उसे गणित और विज्ञान से काफी प्रेम था।

तो वह गणित से अपनी पढ़ाई शुरू करता है। वह समय से पहले ही अपने पाठ को ख़त्म कर लेता था। वह अपने स्कूल में पढ़ाए जाने वाले पाठ को 10 दिन पहले ही पढ़ लेता था।

यह देखकर उसके टीचर काफी हैरान रहने लगे। उसने कक्षा 11 में 96% को हासिल किया। यह जानकर उसके माता-पिता और उसके टीचर हैरान भी थे और खुश भी थे।

पर इस लड़के को इस पर कोई न तो खुशी होती है और न ही कोई आश्चर्य। वह बस अपने पढ़ाई में ध्यान रखता है।

अब वह पहले से ज्यादा पढ़ाई कर रहा था। उसकी मेहनत सभी के मुँह बंद कर देती है। वह कक्षा 12 में अपने पुरे स्कूल में टॉप करता है।

इस खुशी में उसके घर एक पार्टी होती है। इस पार्टी में उसके सारे दोस्त और रिश्तेदार होते है।

लेकिन इस पार्टी में एक व्यक्ति नहीं होता है जिसको सभी ढूढ रहे थे। वह लड़का ही नहीं था जिसके लिए पार्टी था।

जब उस लड़के की माँ लड़के के कमरे में गई तो वह अपनी पढ़ाई कर रहा था। माँ ने कहा, बेटा! आज तुम्हारे लिए पार्टी है और पार्टी में तुम शामिल नहीं हो रहे हो।

तुम्हारे सभी दोस्त तुम्हारा इंतजार कर रहे है। चलो पार्टी में शामिल हो जॉव। लड़के ने पार्टी में आने से साफ मना कर दिया।

अपने कमरे को बंद करके वह पढ़ाई करने लगा। वह पढ़ाई करने इतना लीन रहता था कि वह खाना खाना भी भूल जाता था।

उसकी कड़ी मेहनत रंग लाती है। पहली बार में ही वह IIT में टॉप करता है। इस उसके पुरे जिले में ख़ुशी थी। उससे मिलने काफी लोग आए।

अब उसने साबित कर दिया था कि किसी के कहने से कोई न तो सफल हो सकता है और न ही कोई असफल हो सकता है।

उस लड़के के टीचर कह रहे थे कि यह लड़का कुछ भी नहीं कर सकता है लेकिन आज इसने वह कर दिया था जो किसी का सपना होता है।

यह मोटिवेशनल स्टोरी यही ख़त्म हो जाती है। इस मोटिवेशनल कहानी को पढ़ कर हम समझ सकते है कि हमारे अंदर भी कुछ न कुछ खासियत होती है।

बस हमें उस पर काम करने की जरूरत है। उस काम में सफलता को पाने के लिए हम पढ़ना चाहिए।

जिस दिन हम उस काम में सफल होने के लिए पढ़ाई करने लगेंगे। जिस काम को हम पसंद करते है। उस दिन ही हम सफल हो जाएगे।

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पढ़ाई के समय distraction | Motivational story for student

पढ़ाई के समय distraction

दिल्ली एक किसी छोटे से क्षेत्र में एक अमन नाम का लड़का रहता था। वह लड़का अपने माँ से बहुत ही प्यार किया करता था।

उसके घर में बस तीन लोग थे। एक पिता एक माँ और एक खुद अमन। समय बीतता रहा। एक दिन अमन की माँ की तबियत ख़राब हो जाती है।

उसकी माँ हॉस्पिटल जाती है। लेकिन वह जिन्दा घर नहीं आ पाती है। इससे अमन अंदर से बहुत टूट जाता है। वह कुछ खाता भी नहीं था।

अमन के पिता अमन को उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव लेकर आए। जहा पर अमन की दादी रहती थी। अमन अब अपनी दादी के साथ रहने लगता है।

वही उसके पिता फिर से दिल्ली चले जाते है। अमन जानना चाहता था कि उसकी माँ क्यों मर गई? समय बीता रहता है।

अब अमन करीब 15 साल को हो गया था। अभी वह कक्षा 10 की पढ़ाई कर रहा था। चुकी अमन गांव से पढ़ाई कर रहा था तो उसे अभी कुछ ज्यादा ज्ञान नहीं होता है।

लेकिन एक दिन उसे पता चलता है कि डॉक्टर भगवान होते है। वह किसी भी बीमार को ठीक कर सकते है। अब अमन के मन में यह बात बैठ गई।

अब वह पढ़ाई करके डॉक्टर बनना चाहता है। वह इस बात को अपनी दादी से कहता है और दादी यह बात अमन के पिता से बताती है।

अमन के पिता यह जानकर बहुत ही खुश होते है कि उनका लड़का डॉक्टर बनना चाहता है लेकिन साथ ही वह यह भी सोचने लगते है कि डॉक्टर की पढ़ाई करने में बहुत ज्यादा पैसा भी लगता है।

इतने सारे पैसे कहा से आएगे। अमन अपने पिता को इस समस्या का हल बताता है। वह कहता है, पिता जी! अगर मैंने अच्छे से 10 और 12 की पढ़ाई कर लू.

तो मैं एक अच्छे सरकारी कॉलेज में फ्री में बढ़ सकता हूँ। पर इसके लिए मुझे अभी अपने गाँव को छोड़ कर किसी शहर में जाकर पढ़ाई करना होगा।

यह बाते सुनकर अमन के पिता कहते है बेटा! इसके लिए मैं अपनी सारी जमीन गिरवी रख दुगा।

ऐसा ही होता है। अमन के पिता दिल्ली से गाँव आते है। अपनी सारी जमीन को गिरवी रख देते है। इसके बाद वह अमन को शहर भेज देते है।

अमन पहली बार शहर आया हुआ होता है। यह पर वह कई तरह की चीज़ और स्टाइल को देखता है। जिसको देखकर वह अपने मुख्य लक्ष्य से भटक जाता है।

अब उसे पढ़ाई करने में मन नहीं लगता था। तभी उसकी दोस्ती एक लड़की से हो जाती है। वह उस लड़की को ही अपना जीवन मन लेता है। इस तरह से समय गुजरता जाता है।

एक दिन अमन के पिता का फ़ोन आता है। अमन के पिता बोलते है बेटा तुम कैसे हो? अमन कहता है कि मैं ठीक हु।

इसके बाद अमन के पिता पूछते है, बेटा पढ़ाई कैसी चल रही है? इस पर वह छूठ बोलता है और कहता है बहुत अच्छी चल रही है। उसकी कक्षा 10 का परिणाम आता है।

जिसमे वह फ़ैल हो गया था। यह देखकर वह अंदर से काफी उदास होता है। लेकिन उसकी उदासी तब बढ़ जाती है जब उसकी वही दोस्त उससे दोस्ती को ख़त्म करना चाहती थी।

जिसके लिए उसने अपनी पढ़ाई को खराब किया था। अब अमन को यह दुनिया समझ में आ रही थी। वह एक भी पल की देरी नहीं करता है। वह सभी से दोस्ती तोड़ देता है और अब मन लगा कर पढ़ाई करना शुरू कर देता है।

वह अपने पिता को भी अपनी सारी गलती बता देता है। उसके पिता कहते है कोई बात नहीं। पर फिर से तुम ऐसी गलती मत करना है।

वह एक दिन में 15 घंटे तक पढ़ता रहता था। समय गुजरता है। वह फिर से कक्षा 10 का परीक्षा देता है। उसका परिणाम आता है जिसमे वह अपने पुरे जिले में टॉप किया होता है।

समय के साथ वह और ज्यादा मेहनत करता और पढ़ाई करता। उसकी मेहनत रंग लाती है, उसका सिलेक्शन एक बड़े सरकारी कॉलेज में हो जाता है।

इसको सुनकर उसके पिता इतने खुश होते है जितना खुश वह कभी नहीं हुए थे।

यह कहानी यहीं खत्म होती है। इस कहानी से हम छात्र को समझ में आता है कि हम पढ़ाई के दौरान किसी भी तरह के distraction में नहीं फ़सना चाहिए। हमें पूरी मेहनत से अपनी पढ़ाई को करना चाहिए।

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