स्वच्छता क्या होता है? स्वच्छ कैसे रहे और स्वच्छता के लाभ हिंदी में

मानव शरीर वास्तव में एक ऐसा शरीर है, जो की बैक्टीरिया के पनपने और उसे बड़े होने के लिये प्रचुर मात्रा में न्यूट्रिशन प्रोवाइड करता है।

बीमारी शरीर के अंदर कही से भी चले आते है, इसके लिए शरीर का ढंका होना या न होना कुछ फर्क नही पड़ता है, फर्क पड़ता है तो स्वच्छता(hygiene) का।

आज के समय मे मानव को स्वच्छता के प्रति कितना जागरूक होना चाहिए। मानव शरीर को साफ रखने के साथ साथ अपने आसपस के वातावरण को भी स्वच्छ रखने की आवश्यकता होती हैं।

इस पोस्ट के माध्यम से स्वच्छता की महत्व, स्वच्छता क्या होता है, अपने शरीर व आसपास स्वच्छता कैसे मेन्टेन करे, आदि के बारे में हम जानेंगे।

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स्वच्छता (hygiene) के बारे में पूरी जानकारी
स्वच्छता (hygiene) के बारे में पूरी जानकारी

स्वच्छता (hygiene) क्या है

Hygiene का हिन्दी मतलब स्वच्छता होता है। खुद को और अपने आस-पास को साफ़-सुथरा रखने को स्वच्छता कहते है। बस खुद को साफ-सुथरा रखने को स्वच्छता नहीं कहते है यह बस आधी स्वच्छता होती है। आस-पास की साफ़-सफाई का असर भी हम पर होता है।

आज के समय मे स्वच्छता(Hygiene) किसे पंसद नही होती है। स्वच्छता के बिना हेल्थी लाइफ जीना मुश्किल है। यह हमारे जीवन का प्रमुख हिस्सा भी है। जब भी हम किसी चीज को छूते है, उसके बाद हाथ धोते है यही स्वच्छता है।

शरीर को अगर हम साफ नही रखते है, तब बैक्टीरिया व वायरस कही से भी शरीर के अंदर प्रवेश कर लेती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटा देती है। जिसके कारण शरीर किसी भी बीमारी से नही लड़ पाता है।

इसलिए अपने शरीर का साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए, नियमित रूप से अपने आसपास को साफ सुथरा रखना चाहिए।

hygiene का तात्पर्य सिर्फ शरीर को साफ सुथरा रखने से नही है परन्तु अपने आसपास को जैसे घर, बाथरूम, किचन, गार्डन व अपने घर के समान आदि को नियमित रूप से साफ करते रहना है। साथ ही पर्यावरण को बचाये रखने के लिए पेड़ पौधे का भी संरक्षण करना होता है।

Hygiene (स्वच्छ) कैसे रहे

मानव शरीर बहुत जल्दी बीमार पड़ता है, व हमे बीमार से बचने के लिए बहुत सारे प्रीकॉशन लेना होता है, ऐसे में शरीर को बैक्टीरिया व वायरस से बचाने के लिए अपने आसपास को साफ करना पड़ता है।

भीड़भाड़ वाले क्षेत्र (area) से इंसान को जाने से बचना चाहिए, अगर जा रहे है तब मास्क लगाकर जाना चाहिए, इससे बीमार होने का खतरा कम होता है।

रेस्टोरेंट व होटल का खाना खाने से बचना चाहिए क्योकि पता नही रहता है फ़ूड कितना हाइजीन है और कितना नही, इससे बीमार भी पड़ सकते है।

हमेशा कही जाते है तब अपने लिए घर से खाना लेकर निकले। कही भी पानी नही पीना चाहिए, अपने साथ हमेशा पानी का बोतल रखे, इस तरह आप स्वच्छता के महत्व को समझ सकते है।

कही भी कचरा फेकने से बचे क्योंकि आपके कचरा फेंकने से गंदगी होगी व इससे पर्यावरण पर प्रभाव पड़ेगा इसलिए कचरे को उसके निश्चित स्थान पर डंप करें।

कुछ खाना हो तब बिना हाथ धोए खाना खा लेते है, किसी समान को रखना है तो कही भी रख देते, वेस्टेज प्रोडक्ट को कही भी फेक देते है, आदि चीजे करने से इंसान को बचना चाहिए।

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स्नान (Bath)

स्नान करते वक़्त इस बात का ध्यान रखे की आप किसी के यूज़ किया हुआ साबुन से ना नहाये। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि सुबह सो कर उठते है तब नहा ले, इससे शरीर की मांसपेशियों तंदरुस्त होती है व शारीरिक, मानसिक व स्वास्थ्य आदि अच्छा रहता है।

हाथ की सफाई (hand wash)

जब कभी भी कही बाहर से घर आते है, तब सबसे पहले साबुन या फिर हैंडवाश से हाथ धोना चाहिए। कभी भी खाना हो तब हाथ धोकर खाना चाहिए इससे शरीर के अंदर कीटाणु प्रवेश नही करता है।

किचन (Kitchen)

किचन में हाइजीन का विशेष ध्यान रखना चाहिए, सभी समान को साफ सुथरा रखना चाहिए। किसी भी समान को गंदा न होने दे, फल व सब्जी काटते वक़्त इस बात का ध्यान रखे कि उसे धो ले पहले व चाकू को भी धो ले।

खाना बनाते वक्त चम्मच को कही भी न रखे उसे एक साफ प्लेट में रखे, व फ्रीज़ को समय समय पर साफ करते रहना चाहिए।

बाथरूम व सिंक

बाथरूम व सिंक की सफाई समय समय पर करते रहना चाहिए, दोनों को सैनिटाइजर से सैनिटाइज भी करते रहना चाहिए।

सिंक में हाथ धोते समय इस बात का ध्यान रखे कि वहाँ गंदगी न हो, बाथरूम में बाल या कचरे पड़े हो तब उसे बॉयोमेडिकल वेस्ट पैकेट में करके डस्टबिन में डाले, व कचरे गाड़ी में डाल दे।

घर की सफाई

घर की सफाई रोज करना चाहिए, इससे बैक्टरिया व वायरस का खतरा कम होता है। पूरी घर की सफाई भी समय-समय पर करना बहुत ही ज्यादा जरुरी होता है। कुछ कुछ समय पर अपनी पूरी घर की सफाई जरूर करें।

गार्डन की सफाई

घर मे यदि गार्डन है तो उसकी सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रोज फूल व पौधे में पानी डालना चाहिए और गार्डन की कचरे की सफाई हफ्ते में एक बार करना चाहिए, इससे गार्डन साफ रहता है।

Hygiene के लाभ क्या है

स्वच्छता का अहसास हमे प्रचीन भारतीय संस्कृति में मिलता है। पहले के लोग अपने आप को स्वच्छ बनाये रखने के लिए कुछ भी कार्य करते थे। उसके बाद वे लोग स्नान करते थे। बाहर से आते थे तब स्लीपर्स या जुते को बाहर निकालते थे।

एक इंसान के जीवन मे हमेशा स्वच्छता होना चाहिए क्योंकि जब तक इंसान में नैतिक मूल्य नही होता है तब तक वह किसी भी रूप में किसी को स्वीकार नही कर पाता है, इसलिए शरीर मे सकारात्मकता का संचार हो इसलिए दिमाक का स्वच्छ होना बेहद जरूरी है।

आजकल लोग भागमभाग जिंदगी जी रहे है स्वच्छता का कोई ध्यान नही दिया जाता है।

आसपास हाइजीन नही होता है तब विभिन्न तरह की बीमारी जन्म लेती है व शरीर को इम्युनिटी कम हो जाती है इसलिए अपने आसपास को स्वच्छ रखना सीखे।
Hygiene के लाभ क्या है? चलिए जानते है।

• आसपास स्वच्छ होने से पर्यावरण साफ व सुधरा होता है, इससे स्वच्छ ऑक्सिजन मिलता है।
• घर की सफाई नियमित होने से घर साफ सुथरा दिखता है व सभी समान सिस्टेमैटिक रहता है।
• सभी काम समय पर करने से मन शांत होता है इससे किसी तरह का बीमारी से कोई खतरा नही होता है।
• अपने शरीर को साफ रखते है तब आप बहुत से बीमारी से छुटकारा पा जाते है, पसीने आने पर अपने शरीर को साफ रखें व किसी भी चीज को छूने से बचे।
• किसी भी संक्रमण का समय पर इलाज कराते है तब वह शरीर को किसी तरह ज्यादा इफ़ेक्ट नही करता है।
• गंदे पानी ठहरने नही देना चाहिए नही तो मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया आदि बीमारी बढ़ जाता है, स्वच्छ होने से इस बीमारी से बच सकते है।

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खुद के स्वच्छता (personal hygiene) का ध्यान कैसे रखे

• अपने आप को साफ रखने में ही भलाई है जब भी नहाते है तब अच्छे से नहाना चाहिए, पैर के उंगली को साबुन से धोए व अपने आर्मपिट को व प्राइवेट पार्ट को हमेशा साफ रखें।
• बाल व नाखून को समय समय पर ट्रिम (काटते) करते रहे इससे किसी तरह का इंफेक्शन न हो।
• अपने आंख को स्वच्छ रखने के लिए आंखों को ठंडे पानी से धोना चाहिए।
• दांत को साफ रखने के लिये सुबह व रात में ब्रश करे। तम्बाकू व गुटके का सेंवन बिलकुल न करें।
• हमेशा साफ सुथरे व धुले हुए कपड़े पहने।
• खराब फल या सब्जी कभी नही खाना चाहिए।
• किसी भी समान का उपयोग करने से पहले उसे साफ करके उपयोग करे।
• महिलाओं को पीरियड्स आने के वक़्त इस बात का ध्यान रखे कि वह अपने शरीर को अच्छे से साफ रखें।

स्वच्छता व बीमारी का संबंध

स्वच्छता व बीमारी एक दूसरे के पूरक है, जबतक हम अपने आसपास व खुद को साफ सुथरा रखते है तब तक किसी भी तरह का बीमारी नही होता है।

जैसे ही गंदगी फैलाने लगता है बीमारी का प्रकोप बढ़ने लगता है। जब तक हम हाइजीन फ़ूड खाते है व साफ पानी पीते है तब तक किसी तरह का बीमारी नही होता है, स्वच्छता ही हमे बीमार होने से बचाती है।

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अंत में

मानव शरीर के साथ मानव के जीवन मे भी स्वच्छता का महत्व है, आज के समय मे हमारे शैक्षणिक ज्ञान के साथ साथ मानवीय व व्यवहारिक ज्ञान की परीक्षा होती है।हमारा शरीर कितना फिट है, इस पर भी निर्भर करता है।

हमारे मानसिक व शारीरिक स्वस्थ के लिए आज के समय मे योगासन व ध्यान करना चाहिए, यदि आप अपने आपको संतुलित रखते है तब आपको किसी भी तरह का बीमारी नही होगा।

इसके लिए सिर्फ अपने आपको व आसपास को स्वच्छ रखना नही परन्तु अपने दिमाक को भी सकारात्मक रखने को आवश्यकता होती है।

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