Good Hindi story for kids in Hindi with moral. their a lots of good Hindi story for reading in Hindi and English. the reading Hindi story is important for everyone.
गांव को डूबने से बचाने वाला बालक good hindi story
हॉलैंड देश का कुछ भाग समुद्र की सतह से नीचा है. इस कारण कभी–कभी समुद्र का जल आकर उस भाग में बसे गाँवों को डुबो देता था। इससे बचने के लिए वहाँ के निवासियों ने समुद्र के किनारे एक ऊँचा बाँध बना रखा था । फिर भी कभी–कभी जल का प्रवाह इतना तेज होता कि वह बांध को तोड़ देता।
एक दिन सर्दियों के मौसम में एक लड़का उस बाँध के पास से होकर जा रहा था । उसने देखा कि बांध में से धीरे – धीरे पानी निकल रहा है । पहले तो उसने सोचा कि दौड़कर गाँववालों को बता दूँ पर फिर उसने सोचा कि गाँववालों के आने तक छेद बड़ा हो जायेगा और पानी को रोकना मुश्किल होगा।
पानी नहीं रूका तो सबकुछ नष्ट हो जायेगा । मुझे तुरन्त ही कुछ करना होगा।
इसके बाद उसने जो कपड़े पहने हुए थे उनको उतारा और उन्हें इकट्ठा करके छेद के मुहाने पर लगा दिया और अपने हाथों से दबा दिया। सारी रात उसने इसी प्रकार पानी को रोके रखा। एक तो सर्द रात थी, दूसरे वह ठण्डी जगह पर खुले आसमान में बैठा था और शरीर पर कोई कपड़ा भी नहीं था । इस कारण उसे सर्दी भी बहुत लग रही थी। पर वह इन सबकी परवाह न करते हुए वह पानी को रोके वहाँ बैठा रहा।
सवेरे किसी व्यक्ति ने उसे बाँध के पास बैठे और बाँध के छेद में हाथ डाले देखा तो पूछा कि तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? तो लड़के ने लड़खड़ाती आवाज में कहा कि ‘ यहाँ से पानी निकल रहा है , इसको मैंने रोक रखा है, नहीं तो गाँव डूब जायेगा । इससे अधिक वह बोल न पाया क्योंकि एक तो वह रातभर का भूखा – प्यासा और थका हुआ था दूसरे ठण्ड के कारण वह बेसुध–सा हो गया था।
इसके बाद उस आदमी ने उसका हाथ हटाकर अपने हाथ को बांध के छेद में डाल दिया और सहायता के लिए पुकार मचाई । थोड़ी ही देर में लोग वहाँ आ गये और उन्होंने पानी निकलने की जगह को अच्छी तरह से बन्द कर दिया ।
लड़के को लोगों ने बहुत आदर – सम्मान दिया क्योंकि उसने स्वयं को खतरे में डालकर गाँव को डूबने से बचाया था ।
Moral of story in hindi
सीख- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें बहुदारी व बुद्धिमानी से कम को अंजाम देना चाहिए.
बेलापुर के वैधजी good hindi story
बेलापुर यूं तो एक छोटा – सा गाँव था । लेकिन था बड़ा सुन्दर । एक तरफ कल – कल बहती नदी तो दूसरी तरफ हरा – भरा जंगल था । नदी के एक तरफ पहाड़ियां थीं , जो दूर से बेहद सुन्दर प्रतीत होती थीं ।
गाँव में ही अमृतलाल जी नामक एक वयोवृद्ध वैद्यजी थे । जिनकी उम्र कोई 90 वर्ष के आस – पास थी । बुढ़ापे में भी चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ी थी । चेहरे पर तेज व चमक थी , बाल अभी तक काले थे, तथा अपना कार्य स्वयं किया करते । बुढ़ापे में भी वे नित्य भोर में जंगल में हरे पेड़ों के इर्द – गिर्द भ्रमण पर जाया करते , व्यायाम करते और नदी में तैराकी भी किया करते । सुबह में ईश्वर सेवा के उपरान्त गाँव के लोगों का उपचार बदले वे खुशी से अनाज , चीनी , चावल , घी , फल , मेवे , कपड़े आदि दिया करते थे।
एक दिन वैद्यजी बीमार पड़ गये । अब सारा गाँव हैरान हो गया । सब कहने लगे कि आप शीघ्र ठीक हो जाओ । हम सब आपके बिना मर जाएंगे ।
यह सुनकर वैद्यजी ने मुस्कुराते हुए पूछा- अरे , तबीयत तो मेरी खराब है , लेकिन तुम कैसे मर जाओगे?
गाँववाले एक स्वर में बोले- भला हमारी देखभाल कौन करेगा ?
इस पर वैद्यजी ने कहा – चार वैद्य और भी हैं , लेकिन आप सभी लोगों को उनकी बातें माननी होंगी।
इस पर गाँववालों ने बड़ी उत्सुकता से पूछा- कौन – सी बातें हैं ?
वैद्यजी बोले- पहला वैद्य है प्रातः जल्दी उठना , दूसरा है प्रतिदिन व्यायाम करना , तीसरा है प्रतिदिन स्नान करना और चौथा वैद्य है जब भूख लगे तभी भोजन करना । इन चारों वैद्यों के कहने पर चलोगे तो सदा प्रसन्न ही रहोगे , कभी बीमार पड़ने की नौबत न आएगी … इतना कहते ही वैद्यजी स्वर्गलोक सिधार गये।
खबर सुनकर समूचा गाँव शोक में डूब गया। वैद्यजी के अन्तिम संस्कार के उपरान्त गाँव की चौपाल पर सभी गाँववालों ने एक निर्णय लिया। उसके मुताबिक वैद्यजी के बताए चारों वैद्यों का पालन सबने करना शुरू कर दिया। फिर गाँव में कोई भी व्यक्ति बीमार न हुआ । गाँव के सभी लोग स्वस्थ रहकर जीवन व्यतीत करने लगे।
Moral of story in hindi
सीख- हमें अपना पूरा कार्य सही समय पर करना चाहिए.
So intresting story, wow, really its so nice motivational