paheli bujho to jane with answer
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पहेली बूझो तो जाने उत्तर के साथ हिंदी भाषा में नई प्रकार की हिंदी पहेली – Bujho to Jane Paheli

पहेली बूझो तो जानें। कुछ खास तरह के पहेली होती है जिसकी जवाब बता पाना मुश्किल होता है। ऐसी पहेली को कहते है कि Bujho to Jane Paheli। पहेली के कई प्रकार होते है। कुछ ऐसी पहेली भी होती है जिसको पढ़ने में मजा आता है। हमने यहाँ पर 30 से भी ज्यादा पहेली लिखी है जो काफी बूझो तो जाने जैसी पहेली है। ऐसी पहेली को कभी पहले नहीं पढ़ा गया होगा।

Bujho to Jane Paheli

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1 से 10 तक पहेली पहेली बूझो तो जाने – Bujho to Jane Paheli

1.शंकर जी का हु माई पर्याय,
सबको मेरा रंग सबको सुभाए।
मैं हूँ नभ पर खग काया,
कोई है जो मेरा नाम बताये।

उत्तर: नीलकंठ

2.चार खड़ो को नगर बना,
चार कुएँ बिना पानी।
चोर अठारह उसमे बैठे,
लिए एक रानी
आया एक दरोगा,
सबको पीट-पीटकर
कुएँ में डाला।

उत्तर: कैरम-बोर्ड

3.आपस में ये मित्र बधे है,
चार पड़े है चार खड़े है।
इच्छा हो तो उस पर बैठो,
या फिर बड़े मजे से लेटो।

उत्तर: खाट/चारपाई

4.शीश कटे तो दल बने,
पैर हटाये बाद
पेट निकले बाल है।
करो शब्द यह याद।

उत्तर: बादल

5.मै हु एक अनोखी रानी,
पैरों से पीती हु पानी।

उत्तर: लालटेन

6.दिन में सोये,
रात को रोये
जितना रोये
उतना खोये।

उत्तर: मोमबत्ती

7.शिवजी जटा में गंगा का पानी,
जल का साधु, बूझो तो ज्ञानी।

उत्तर: नारियल

8.यदि मुझको उल्टा कर देखो,
लगता हूँ मैं नव जवान।
कोई प्रथक कोई नहीं रहता,
बूढ़ा, बच्चा या जवान।

उत्तर:वायु

9.अगर नाक से चढ़ जाऊ,
कान पकड़ कर तुम्हें पढ़ाऊँ

उत्तर:चश्मा

10.मैं हूँ हरे रंग की रानी,
देखकर आये मुँह में पानी।
जो भी मुझको चबाएँ
उसका मुँह लाला हो जाए।

उत्तर:पान

11 से 20 तक पहेली पहेली बूझो तो जाने

11.बाप बहुत ही खुरदरा टेढ़ा-मेढ़ा होता,
देखते मन ललचाता है बेटा ऐसा होता है।

उत्तर: आम

12.पैर नहीं पर चलती हूँ,
कभी न राह बदलती हूँ।
नाप-नाप कर चलती हूँ,
तो भी न घर से टलती है।

उत्तर: घड़ी

13.तीन अक्षर का मेरा नाम,
प्रथम कटे तो रहू पड़ा,
मध्य कटे तो हो जाऊ कड़ा
अंत कटे बनता कप,
नहीं समझना इसको गप्प।

उत्तर: कपड़ा

14.मैं अलबेला कारीगर
काटू काली घास,
राजा, रंक और सिपाही,
सिर झुकाते मेरे पास।

उत्तर: नाई

15.तारों की जो ओढ़ चुनरिया,
साँझ ढले आ जाती है,
बच्चों, बोलो कौन हैं वो,
जो चाँद से मिलवाती है।

उत्तर: रात

जब भी किसी पहेली के सवाल को पढ़े तो खुद से खुद से उस पहेली के जवाब को जाना चाहे। अगर पहेली का जवाब न समझ आए तो फिर से पहेली के सवाल को पढ़े। इसके बाद कुछ समय तक फिर सोचे। अगर इसके बाद भी जवाब न समझ आए तो फिर सवाल के नीचे जवाब को देखे।

16.मैं हु एक ऐसा जीव,
कभी नहीं मर सकता हूँ,
मेरा निश्चत आकार नहीं,
जैसा चाहूँ बन जाता हूँ।

उत्तर:अमीबा

17.न देखे न बोलें,
फिर भी भेद खोले।

उत्तर: पत्र

18.न कभी आता है,
न कभी यह जाता है,
इसके भरोसे जो रहे,
हमेशा पछताता है।

उत्तर: कल

19.प्यार करूँ तो घर चमका दूँ,
वार करूँ तो ले लूँ जान।

उत्तर:बिजली

20.मुझे सुनाती सबकी नानी,
प्रथम कटे तो होती हानि,
बच्चे भूले खाना, पानी,
एक था राजा, एक थी रानी।

उत्तर: कहानी

21 से 30 तक पहेली – Bujho to Jane Paheli

21.एक महल के दो रखवाले,
दोनों लम्बे दोनों काले,
ठाकुरों की शान है वह,
मुर्दो की जान है वह।

उत्तर: मूंछ

21. लाल घोड़ा अड़ा रहे,
काला घोडा भागता जाये।

उत्तर:आग और धुआँ

22. देखने में मैं बॉस सरीखा,
नहीं मैं कडवा नहीं मैं तीखा,
स्वाद मधुर, स्पर्श रसीला,
गर्मियों तक चले मेरा सिलसिला।

उत्तर: गन्ना

23.गोल-गोल चेहरा,
पेट से रिश्ता गहरा।

उत्तर: रोटी

24.एक पेड़ पर तीस है डाली,
आधी सफ़ेद और आधी काली।

उत्तर: महीना

25.अजी घर की तो बात ही छोड़िए,
सफर में भी लोग मुझे नहीं भूलते,
कब, कहाँ, कैसे मेरी जरूरत लग जाए,
बताओं मैं कौन हूँ।

उत्तर: पानी

26.हाथ में हरा, मुंह में ला,
क्या चीज़ है बताओ प्यारे लाल।

उत्तर:पान

27.बिना तेल के जलाता है,
पैर बिना वो चलता है।
उजियारे को बिखार कर,
अंधियारे को दूर करता है।

उत्तर:सूरज

28.दिखने में वह काला है,
और जलने पर लाल,
फेंकने पर है वह सफ़ेद,
खोलो बच्चो उसका भेद।

उत्तर:कोयला

29.बरसात में याद दिलाये,
पानी धुप में काम आये।

उत्तर:छाता

30.काला हूँ, कलूटा हूँ,
हलवा पूरी खिलाता हूँ।

उत्तर:कड़ाही

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अंत में – Bujho to Jane Paheli

Bujho to Jane Paheli :- जिस प्रकार से कहानी को भारत मे बहुत लम्बे समय से बच्चो को पढ़ाया और सुनाया जा रहा है। ठीक उसी प्रकार से पहेली को भी काफी लम्बे समय से बुझाया जा रहा है। पहेली को बच्चे और बड़े दोनों ही पसंद करते है। बच्चे से ज्यादा बड़े पहेली को पसंद करते है। पहेली सोचने के तरीके को बदल कर रख देती है।

बूझो तो जाने पहेली को समझना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। जब इनको समझा जाएगा तभी ही इस सवालो के जवाब दिए जा सकते है। बिना समझे बूझो तो जाने पहेली का जवाब नहीं दिया जा सकता है।

पहेली को पढ़ने में तब मजा आता है जब नई पहेली को पढ़ा जाए। ऐसी नई पहेली जिसका जवाब ना मालूम हो। इस प्रकार की पहेली काफी मजेदार होती है। ऐसी पहेली का जवाब जानने का मन भी करता है।

पहेली हिंदी भाषा के साथ अन्य भाषा में भी बताया जाता है। पहेली जितना हमें हिंदी में अच्छा लगता है उतना ही दूसरे भाषा को जानने वाले को उसके भाषा में लगता हैं।

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